सरकार के आम बजट से कर्मचारी संगठनों को निराशा हाथ लगी है। संगठनों के पदाधिकारियों ने अपनी प्रतिक्रिया में स्पष्ट किया है कि न तो आयकर में कोई राहत मिली है और न ही वर्षों से लटकी पुरानी पेंशन की दिशा में ही सरकार ने कोई कदम बढ़ाया है।

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आयकर में छूट न मिलने से निराशा : परिषद
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अरुण पांडे ने कहा, बजट में केंद्र व राज्य सरकार के कार्मिकों की आशा के अनुरूप आयकर कटौती में छूट संबंधी कोई भी प्रावधान नहीं किए गए हैं। बजट में किए गए छूट के प्रावधान ऊंट के मुंह में जीरा के समान हैं, जिससे कार्मिकों में निराशा है। कार्मिकों को उम्मीद थी कि बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन कम से कम डेढ़ लाख किया जाएगा। कर से छूट कम से कम 10 लाख तक की जाएगी, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से स्टैंडर्ड डिडक्शन को मात्र 25,000 बढ़ाकर 75,000 रुपये किया गया है।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर ,उत्तराखंड

बजट अत्यंत निराशाजनक : बिष्ट
उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के प्रदेश संरक्षक पंचम सिंह बिष्ट का कहना है कि बजट कर्मियों की नजर से बेहद निराशाजनक है। उम्मीद थी कि बजट में इनकम टैक्स स्लैब में छूट व बजट सीमा बढ़ेगी। 18 महीने का रुका हुआ महंगाई भत्ता जारी किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। पुरानी पेंशन योजना और 8वें वेतन आयोग के गठन पर भी सरकार ने चुप्पी साध ली है। कहा, कुल मिलाकर कर्मियों के लिए बजट अत्यंत निराशाजनक रहा है।

‘एनपीएस कार्मिकों के लिए निराशाजनक बजट’
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा, पुरानी पेंशन बहाली पर केंद्र सरकार की ओर से कोई भी निर्णय न लेना अत्यंत चिंताजनक है। देश के 85 लाख कर्मचारी, अधिकारी, शिक्षक, डाक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी, पुलिसकर्मी, रेलवेकर्मी, बैंककर्मी, इंजीनियर, लेखपाल, पटवारी सभी को निराशा हाथ लगी है। कहा, आने वाले उप चुनावों और राज्यों के चुनावों में कर्मचारी इसका जवाब जरूर देंगे। साथ ही देशभर में बड़े आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है।


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