ऐसी मान्यता है कि भगवान कृष्ण का जन्म मध्यरात्रि में हुआ था और इसलिए उत्सव इस समय से शुरू होता है. इस बार जन्माष्टमी पर दुर्लभ योग बन रहे हैं. ऐसे में आज भगवान श्री कृष्ण का शुभ मुहूर्त में पूजा करने से विशेष लाभ मिलेगा.
पंचांग के अनुसार, आज भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि देर रात 02 बजकर 18 मिनट तक रहेगी. इस दौरान सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ साथ कई और शुभ योग बन रहे हैं. ऐसे में अगर आप इस मुहूर्त में लड्डू गोपाल की पूजा करते हैं तो आपकी सारी मनोकामनाएं पूरी होगी. सर्वार्थ सिद्धि योग में किए कार्यों में सफलता हासिल होती है तो चलिए पूजा विधि जानते हैं.
जन्माष्टमी पूजन मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार भादो कृष्ण अष्टमी तिथि 26 अगस्त को सुबह 03:39 से लेकर 27 अगस्त को देर रात 02:19 तक रहेगी. गृहस्थ लोग 26 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे. इस दिन श्रीकृष्ण की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्य रात्रि 12:00 बजे से लेकर 12:45 बजे तक रहेगा.
शुभ मुहूर्त
सर्वार्थ सिद्धि योग – शाम 03 बजकर 55 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 57 मिनट तक
अमृत काल – दोपहर 01 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 09 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त – 04 बजकर 27 मिनट से 05 बजकर 12 मिनट तक
विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 49 मिनट से 07 बजकर 11 मिनट तक
निशिता मुहूर्त – रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक।
जन्माष्टमी पूजन विधि
कृष्ण जन्माष्टमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें.
उसके बाद साफ वस्त्र हो सके तो नया वस्त्र धारण करें.
इसके बाद पूजा के स्थान पर चौकी लगाएं और उसपर लड्डू गोपाल को स्थापित करें.
सबसे पहले उन्हें चंदन लगाएं अब फूल माला अर्पित करें और पूजा करें.
इसके बाद रात में 12 बजे के बाद कृष्ण जन्मोत्सव के बाद कान्हा जी का पंचामृत से अभिषेक करें.
फिर उन्हें नए वस्त्र पहनाएं उनका श्रृंगार करें और माखन मिश्री का भोग भी लगाएं.
विधि अनुसार पूजा करते हुए सुख-समृद्धि की कामना करें.
मेष लाभ के अवसर हाथ आएंगे। रोजगार में वृद्धि होगी। कम प्रयास से ही कार्यसिद्धि होगी। मित्रों की सहायता कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। व्यापार लाभदायक रहेगा। शेयर मार्केट में सोच-समझकर निवेश करें। कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। कुसगंति से हानि होगी।
वृषभ राशि के लिए आज का कल्याणकारी उपाय- ‘जपें ॐ बृं बृहस्पतये नम:।’
आय बनी रहेगी। भाइयों का सहयोग मिलेगा। निवेश शुभ रहेगा। आज के काम कल पर नहीं टालें। दुष्टजनों से सावधान रहें, हानि पहुंचा सकते हैं। जीवनसाथी के स्वास्थ्य की चिंता रहेगी। कहीं से बुरी खबर मिल सकती है। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। विवेक का प्रयोग करें। लाभ होगा।
मिथुन राशि के लिए आज का कल्याणकारी उपाय- ‘जपें ॐ रां राहवे नम:।’
जल्दबाजी में कोई भी लेन-देन न करें। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। फालतू खर्च होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। पार्टनरों का सहयोग मिलेगा। सट्टे व लॉटरी के चक्कर में न पड़ें। नौकरी में अधिकार बढ़ेंगे। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा।
कर्क राशि के लिए आज का कल्याणकारी उपाय- ‘जपें ॐ सों सोमाय नम:।’
भाग्य का साथ मिलेगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर खर्च होगा। वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें। चिंता तथा तनाव में वृद्धि होगी। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अंधविश्वास न करें। समय नेष्ट है। नकारात्मकता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।
सिंह राशि के लिए आज का कल्याणकारी उपाय- ‘जपें ॐ रां राहवे नम:।’
शत्रु शांत रहेंगे। धनलाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यावसायिक यात्रा लाभदायक रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। मित्रों का सहयोग मिलेगा। नए कार्य प्रारंभ करने की योजना बनेगी। कारोबार में वृद्धि के योग हैं। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। भाग्य का साथ रहेगा।
कन्या राशि के लिए आज का कल्याणकारी उपाय- ‘जपें ॐ बृं बृहस्पतये नम:।’
आज नई कार्य योजना बनेगी। लेकिन तत्काल लाभ नहीं मिल सकेगा। संतान पक्ष से स्वास्थ्य तथा अध्ययन संबंधी चिंता रहेगी। कार्यशैली में परिवर्तन करना पड़ सकता है। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड मनोनुकूल लाभ देंगे।
तुला राशि के लिए आज का कल्याणकारी उपाय- ‘जपें ॐ कें केतवे नम:।’
लाभ के अवसर हाथ आएंगे। सुख के साधनों की प्राप्ति हो सकती है। धन प्राप्ति सुगम होगी। थकान व कमजोरी रह सकती है। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। किसी धार्मिक अनुष्ठान में भाग लेने का अवसर प्राप्त हो सकता है। कानूनी अड़चन दूर होकर स्थिति मनोनुकूल होगी।
वृश्चिक राशि के लिए आज का कल्याणकारी उपाय- ‘जपें ॐ चं चन्द्रमसे नम:।’
आज नकारात्मकता बनी रहेगी। प्रेम-प्रसंग में हड़बड़ी न करें। विवाद हो सकता है। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में लापरवाही न करें। युवक व युवती विशेष सावधानी बरतें। विवाद को बढ़ावा न दें। स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। लेन-देन में सावधानी रखें। आय में निश्चितता रहेगी।
धनु राशि के लिए आज का कल्याणकारी उपाय- ‘जपें ॐ ह्रीं सूर्याय नम:।’
जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। रिश्तेदारी में हल्की हंसी-मजाक करने से बचें। विरोधी सक्रिय रहेंगे। धनहानि किसी भी तरह हो सकती है। कानूनी अड़चन दूर होकर लाभ की स्थिति बनेगी। घर-बाहर प्रसन्नता का वातावरण रहेगा। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ में वृद्धि होगी।
मकर राशि के लिए आज का कल्याणकारी उपाय- ‘जपें ॐ ह्रीं सूर्याय नम:।’
स्थायी संपत्ति में वृद्धि के योग हैं। प्रॉपर्टी के काम बड़ा लाभ दे सकते हैं। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में सुख-शांति रहेंगे। कोई ऐसा कार्य न करें जिससे अपमान हो। स्वास्थ्य का ध्यान रखें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। सुख के साधनों पर व्यय होगा। निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें।
कुंभ राशि के लिए आज का कल्याणकारी उपाय- ‘जपें ॐ अं अंगारकाय नम:।’
आज परिवार तथा मित्रों के साथ मनोरंजक यात्रा का आयोजन होगा। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। मित्र व संबंधियों के साथ समय अच्छा व्यतीत होगा। कारोबार मनोनुकूल रहेगा। जोखिम न लें। आंखों को रोग व चोट से बचाएं। लेन-देन में जल्दबाजी न करें।
मीन राशि के लिए आज का कल्याणकारी उपाय- ‘जपें ॐ चं चन्द्रमसे नम:।’
आज व्यवसाय ठीक चलेगा। भागदौड़ रहेगी। जोखिम न लें। भाग्य का साथ मिलेगा। कष्ट, भय, चिंता तथा तनाव का वातावरण बन सकता है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। अपेक्षित कार्यों में विलंब होने से खिन्नता रहेगी।
26 अगस्त 2024 दिन सोमवार को (सभी का) जन्माष्टमी पर्व मनाया जाएगा।
अर्द्धरात्रे तु रोहिण्यां यदा कृष्णाष्टमी भवेत्।
तस्यामभ्यर्चनं शौरिहन्ति पापों त्रिजन्मजम्।
अपनी लीलाओं से सबको अचंभित कर देने वाले भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाता है।
कारा-गृह में देवकी की आठवीं संतान के रूप में जन्मे कृष्ण के नामकरण के विषय में कहा जाता है कि आचार्य गर्ग ने रंग काला होने के कारण इनका नाम “कृष्ण” रख दिया था।
जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त
अष्टमी तिथि प्रारम्भ 26 अगस्त 2024 प्रातः 3:41 से 27 अगस्त 2024 रात्रि/ प्रातः 2:22 तक।
शुभ योग
जन्माष्टमी पर्व पर सर्वार्थ सिद्धि योग, रोहिणी नक्षत्र रहेगा। तथा चंद्रमा अपनी उच्च राशि में रहकर गुरु तथा मंगल के साथ गज केसरी योग और महालक्ष्मी योग का निर्माण करेंगे।
पूजा विधि
इस दिन जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के उपरान्त घर व मंदिर को स्वच्छ करें। उपवास का संकल्प लें और एक साफ चौकी रखें चौकी पर पीले रंग का धुला हुआ वस्त्र बिछा लें। सभी स्थापित देवी देवताओं का जलाभिषेक करें और चौकी पर बाल गोपाल की प्रतिमा स्थापित करें। भगवान श्रीकृष्ण को रोली, कुमकुम, अक्षत, पीले पुष्प, अर्पित करें। पूरे दिन घी की अखंड ज्योति जलाएं। उन्हें लड्डू और उनके पसंदीदा वस्तुओं का भोग लगाएं। बाल गोपाल की अपने पुत्र की भांति सेवा करें। श्री कृष्ण जन्माष्टमी को रात्रि पूजा का विशेष महत्व होता है क्योंकि श्री कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था। ऐसे में मध्यरात्रि में भगवान कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना करें बाल गोपाल को झूले में बिठाएं। उन्हें झूला झुलायें भगवान कृष्ण को मिश्री, घी, माखन, खीर, पंजीरी इत्यादि का भोग लगाएं। अंत में उनकी घी के दीपक से आरती करें और प्रसाद वितरित व ग्रहण कर उपवास का संकल्प पूर्ण करें।
जन्माष्टमी का महत्व व लाभ
ऐसी मान्यता है कि इस दिन उपवास रखने से वर्ष में होने वाले कई अन्य उपवासों का फल मिल जाता है। भगवान विष्णु के आठवें अवतार कहे जाने वाले कृष्ण के दर्शन मात्र से ही मनुष्य के सभी दुःख दूर हो जाते हैं। जो भी भक्त सच्ची श्रद्धा से इस व्रत का पालन करते है, उन्हें महापुण्य की प्राप्ति होती है। जन्माष्टमी का उपवास संतान प्राप्ति, सुख-समृद्धि, वंश वृद्धि, दीर्घायु और पितृ दोष आदि से मुक्ति के लिए भी एक वरदान है। जिन जातकों का चंद्रमा कमजोर हो, वे भी जन्माष्टमी पर विशेष पूजा कर के लाभ पा सकते हैं।
जिन दंपतियों को संतान उत्पत्ति में बाधा उत्पन्न हो रही है जन्माष्टमी के पर्व पर घर में बाल गोपाल स्थापित करें एवं उनकी प्रतिदिन सेवा करें।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर लाभ हेतु इन मंत्रों का उच्चारण अवश्य करें -:
1- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम:।
2 – श्रीवृंदावनेश्वरी राधायै नम:।
3 – ॐ नमो नारायणाय ।
4 – ॐ र्ली गोपीजनवल्लभाय नम:।
(निसंतान दंपतियों को संतान प्राप्ति हेतु जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर इस मंत्र का अधिक से अधिक जप करना या करवाना चाहिए -:)
5 – ॐ देवकी सुत गोविंद वासुदेव जगत्पते ।
देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: ।।