हर साल कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से लेकर सप्तमी तिथि तक छठ पूजा का पर्व मनाया जाता है. तीन दिनों तक चलने वाले छठ पर्व के दौरान सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करने और अर्घ्य देने का विधान है.

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धार्मिक मान्यता है कि छठ व्रत को करने से सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में खुशहाली आती है. ऐसी मान्यता है कि छठ पूजा से विवाहित स्त्रियों का सौभाग्य बना रहता है और उनकी संतान की उन्नति के मार्ग खुलते हैं. ऐसे में अगर आप छठ पूजा करने की तैयारी कर रही हैं तो आइए आपको बताते हैं कि साल 2024 में छठ पूजा कब है, घर में छठ पूजा कैसे करें और छठ पूजा करने की विधि क्या है.

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

2024 की छठ पूजा कब पड़ेगी?

पंचांग के अनुसार, छठ पूजा के पर्व की शुरुआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है. वहीं, इस त्योहार का समापन कार्तिक शुक्ल सप्तमी तिथि पर होता है. इस साल छठ पूजा 5 नवंबर से शुरू होगी और 8 नवंबर को इस पर्व का समापन हो जाएगा.

  1. 5 नवंबर 2024 – छठ पूजा का पहला दिन (नहाय खाय)
  2. 6 नवंबर 2024 – छठ पूजा का दूसरा दिन (खरना)
  3. 7 नवंबर 2024 – छठ पूजा का तीसरा दिन (संध्या अर्घ्य)
  4. 8 नवंबर 2024 – छठ पूजा का चौथा दिन (उषा अर्घ्य)

घर पर छठ पूजा कैसे करें?

सामान्यत: छठ पूजा नदी के घाट पर की जाती है लेकिन अगर आप इस बार घाट नहीं जा पाएंगी, तो हम आपको बताते हैं कि आप अपने घर पर ही कैसे छठ पूजा कर सकती हैं.

  • घर पर पूजा करने के लिए आप किसी साफ जगह चुनें. आप अपने आंगन या घक की छत पर भी छठ पूजा कर सकते हैं. इसके बाद आप अपनी सभी छठ पूजा सामग्रियों को एकत्रित करके छठ माता की पूजा करें.
  • इसके बाद फिर सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए आप अपने घर की छत पर ही छोटे बच्चों के लिए इस्तेमाल होने वाला स्वीमिंग पूल का इस्तेमाल कर सकती हैं.
  • इसके लिए उस पूल में पानी भरें और उसमें खड़े होकर आप सूर्य को अर्घ्य दे सकती हैं. इस प्रकार से बिना घाट पर जाए ही आप अपनी छठ की पूजा संपन्न कर सकते हैं.

सोसायटी में छठ पूजा कैसे करें?

अगर आप किसी ऐसी सोसायटी में रहती हैं, जहां एक स्वीमिंग पूल है तो आप उसके पास ही छठ पूजा कर सकती हैं. इसके बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिए आप इस स्वीमिंग पूल में खड़े होकर जल अर्पित कर सकती हैं. कई लोग छठ पूजा पर सोसायटी में विशेष आयोजन भी करते हैं, जिसमें कई महिलाएं एक साथ छठ पूजन करती हैं और उस पूल में एक साथ ही सूर्य देव को अर्घ्य देती हैं.

घाट पर जाए बिना छठ पूजा कैसे करें?

इसके अलावा, अगर आपकी सोसायटी में स्वीमिंग पूल नहीं या आपके घर में बच्चों वाला पूल नहीं है या अगर आप मार्केट से स्विमिंग पूल नहीं खरीद सकती हैं, तो आप अपनी छत पर मिट्टी से एक गोल आकार बनाएं और इसे ईंटों से कवर कर लें. फिर इसके ऊपर एक प्लास्टिक की शीट रखें और उसे अंदर की तरफ दबा दें. इसके बाद उसमें पानी भरकर आप उसमें खड़ी होकर पूजा कर सकती हैं.

छठ पूजा करने की विधि क्या है?

  • छठ पूजा के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और स्नान करने के बाद छठ व्रत का संकल्प लें. इस दौरान सूर्य देव और छठी मैया का ध्यान करें.
  • व्रती को छठ पूजा के दिन अन्न ग्रहण करना नहीं चाहिए. अगर संभव हो तो निर्जला व्रत रखकर उसका विधिवत पालन करें.
  • छठ के पहले दिन संध्याकाल अर्घ्य होता है, जिसमें डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं. ऐसे में छठ पूजा के पहले दिन सूर्यास्त से थोड़ा पहले छठ घाट पर पहुंचे और वहां स्नान करने के बाद सूर्य को पूरी निष्ठा के साथ अर्घ्य दें.
  • इस दिन भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए बांस या पीतल की टोकरी या सूप का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए बांस या पीतल की टोकरी का इस्तेमाल करते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देना चाहिए.
  • छठ पूजा में इस्तेमाल होने वाली टोकरियों या सूपों में फल, फूल, गन्ने, पकवान आदि पूरी पूजा सामग्रियों को अच्छी तरह से रखें. इसके साथ ही सूप या टोकरी पर सिंदूर लगाएं.
  • सूर्य देव को अर्घ्य देते वक्त टोकरी में सभी पूजन सामग्रियों का होना बेहद जरूरी है. ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखें, अन्यथा पूजा अधूरी रह जाती है.
  • इसके साथ, पूरे दिन और रात भर निर्जला व्रत रखकर अगले दिन सुबह उगते हुए सूर्य को जल अर्पित करें. सूर्यदेव को अर्घ्य देने के दौरान मन में अपनी मनेकामना कहें.

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