


20/2/2023 को ओखलकाडा से आये ग्रामीणों ने नवंबर 17/2023 को हुए सड़क हादसे में दस जनों की मौत हो गई थी जिस घटना ने उस समय पूरा क्षेत्र झकझोर दिया था। घटना से आक्रोशित ग्रामीण क्षेत्रों की जनता ने सड़कों पर उतरकर शासन को झुकना पड़ा। उस समय प्रशासन के साथ समझौता हुआ था कि ख़राब सड़क मार्ग पर तत्काल काम शुरू किया जायेगा जो कि आज तक नहीं हो पाया तथा मृतकों के परिजन को चार चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी जो कि आज तक पूरी नहीं हो पाई है। तब ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए पूर्व दर्जा राज्यमंत्री एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी हरीश पनेरू ने ग्रामीणों को समझाते हुए दुख की घड़ी में अंतिम संस्कार करने का अंतिम निर्णय लेकर ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की थी तथा उस समय उपजिलाधिकारी धारी ओखलकांडा विकास खंड की ब्लॉग प्रमुख क्षेत्रीय विधायक ने मौक़े पर मृतकों के परिजनों को चार चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने से अधोडा छीडाकान मिडार सड़क मार्ग पर तत्काल काम शुरू करने का लिखित समझौता किया था। पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हरीश पनेरू ने कहा कि क्षेत्रीय विधायक, ब्लॉक प्रमुख, जिला प्रशासन एवं तमाम शासन से जुड़े हुए जन प्रतिनिधियों की मानवीय संवेदना ख़त्म हो गई है। इतने बड़े दर्दनाक हादसे में उनके द्वारा मृतक परिवार जनों के साथ धोखा किया गया है जो असहनीय है तथा लाशो पर राजनीति करके उनसे झूठ बोला गया। यह उत्तराखंड देवभूमि एवं भीमताल विधानसभा के लिए पीड़ादायक विषय है कि जब ज़िले के अधिकारी, क्षेत्रीय विधायक, ब्लॉक प्रमुख ही लाशों पर राजनीति करेंगे तो ग़रीब जनता को न्याय कौन दिलाएगा। उक्त बातों से आक्रोशित होकर मृतक परिवारों के परिजनों ने आज सुबह बुद्ध पार्क में 10 बजे से लेकर 12 बजे तक धरना दिया। अब उसके बाद जब कोई अधिकारी मिलने नहीं आया तो जुलूस के साथ जिलाधिकारी नैनीताल के कैंप कार्यालय हल्द्वानी में गए जहाँ पुलिस प्रशासन ने मृतकों के परिवारजनों के साथ अभद्र व्यवहार किया तथा उन्हें वहाँ पर खड़े नहीं होने दिया तथा 200 किलोमीटर दूर से आए ग्रामीणों की बात को सुनने के लिए न कोई भी ज़िम्मेदार अधिकारी मौक़े पर आने को तैयार था।मृतकों के परिजनों ने कहा कि जब तक कोई उच्चाधिकारी हमसे बात नहीं करेगा तब तक हम यहाँ से नहीं हटेंगे तब जाकर प्रशासन की नींद खुली एवं बातचीत का दौर शुरू हुआ।जिला प्रशासन एवं उप जिलाधिकारी धारी द्वारा फ़ोन पर 15 दिन में मृतकों के परिजनों के लिए की गई घोषणा की धन राशि दे देने का वादा किया गया तब जाकर मामला शांत हुआ। पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हरीश पनेरू ने कहा कि वे 15 दिन के अन्दर अगर माँग पूरी नहीं हुई तो समस्त ग्रामीणों के साथ जिलाधिकारी कार्यालय में उग्र आंदोलन करेंगे जिसकी ज़िम्मेदारी स्थानीय प्रशासन, जिला प्रशासन, क्षेत्रीय विधायक, क्षेत्रीय सांसद की होगी क्योंकि जिनके परिवार के परिवार ख़त्म हो गए उनके दुख को कम करने की बजाय सरकार और विधायक उनके दुखों को खुरेदने का काम कर रहे हैं।


