पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से मिलकर की नागलवासियो के नियमितीकरण की मांग देहरादून/रुद्रपुर:- पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने नगलावासीयो के साथ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से यमुना कालोनी आवास पर मुलाकात कर नगला नगर पालिका क्षेत्र की मलिन बस्तियों का नियमितीकरण करने की मांग रखी।देहरादून/रुद्रपुर:- पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने नगलावासीयो के साथ कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल से यमुना कालोनी आवास पर मुलाकात कर नगला नगर पालिका क्षेत्र की मलिन बस्तियों का नियमितीकरण करने की मांग रखी।

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नगला पंतनगर पूर्व फौजी, आर्मी ऑफीसर्स,चिन्हित राज्य आंदोलनकारीयो का गढ़ है नगला, मडरा रहे हैं खतरे के बदले,https://hindustanglobaltimes.com/news/nagla-pantnagar-national-highway-case-uttarakhand-high-court-avtar-singh-bisht-journalist-from-uttarakhand/नगला में रहते हैं एक दर्जन से ज्यादा पूर्व फौजी एवं आर्मी ऑफिसर, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध 1962 1965 1971 एवं कारगिल युद्ध में भारतीय सेवा की तरफ से लड़कर अदम्य साहस का परिचय दिया था। नगला में बीएसएफ के जमाने कारगिल युद्ध में वीरता से लड़ने पर मेडल भी प्राप्त किया पूरी खबर के लिए हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स का यह लिंक खोलकर पड़े।

पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को बताया कि पंतनगर के संजय कॉलोनी, मस्जिद कॉलोनी, इंदिरा कॉलोनी, नगला आदि मालिन बस्तियों में सन 1962 से काबिज हैं तथा मलिन बस्ती के रूप में काबिज रहते धीरे-धीरे लगभग 60 वर्षों में कुछ कच्चे व कुछ पक्के मकान बनाकर गुजर बसर कर रहे हैं। गत वर्षो में उत्तराखंड सरकार द्वारा मलिन बस्तियों की पुरानी आबादियों का नियमितीकरण करके उन्हें मालिकाना हक दिया गया, परंतु नगला नगर पालिका क्षेत्र की पुरानी मलिन बस्ती इसमें शामिल नहीं हो पाई, क्योंकि तब नगला नगर पालिका अस्तित्व में नहीं आई थी। अन्य नगर पालिका पंचायत द्वारा अपने क्षेत्र के मलिन बस्तियों को नियमितीकरण करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है।

AVTAR SINGH BISHT, HINDUSTAN GLOBAL TIMES, journalist from Uttarakhand

      पूर्व विधायक राजेश शुक्ला ने कहा कि सरकार द्वारा आपकी अध्यक्षता में गठित प्रदेश में मलिन बस्तियों को नियमितीकरण तीन सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष होने के नाते जिला प्रशासन को नगला नगर पालिका क्षेत्र की मलिन बस्तियों का नियमितीकरण करने का प्रस्ताव शासन को भेजने को निर्देशित करें जिससे इन्हें अपनी जमीन का मालिकाना हक मिल सके।

      कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने पूर्व विधायक राजेश शुक्ला व उपस्थित नगलावासियो को आश्वस्त किया कि सरकार की मंशा है किसी को बेघर ना किया जाए एवं उजड़ने से पहले उन्हें पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने इस संबंध में एक तीन सदस्य कमेटी का गठन किया है, जिसका मुझे अध्यक्ष बनाया है, इस संबंध में जिलाधिकारी से वार्ता कर जल्दी ही नगला नगर पालिका क्षेत्र की मलिन बस्तियों का नियमितीकरण करने का प्रस्ताव शासन में मंगाकर कार्रवाई की जाएगी।

ताकि सनत रहे नगला पंतनगर, 1960 के दशक से लेकर 1980 तक लोगों की बसायत हुई नगला में, अवगत कराते हुए की नगला में निवास करने वाले लोगों में भारतीय सेवा की तरफ से द्वितीय विश्व युद्ध 1962 1965 1971 के युद्ध में अदम्य साहस का परिचय दिया। वही कारगिल युद्ध में भीनगला के लोगों ने भारतीय सेना की तरफ से प्रतिभागी किया। जिसमें 1965 और 70 के बीच नगला में निवासरत, स्वर्गीय सूबेदार मेजर खड़क सिंह बिष्ट जिन्होंने19 71,1965 और 1962 की युद्ध में भारतीय सेना में प्रतिभा किया, नगला बायपास निवासी स्वर्गीय लेस नायक प्रेमचंद पांडे, जो की 1965 से नगला में निवास कर रहे हैं ।द्वितीय विश्व युद्ध 1962 और 1965 की लड़ाई में छह माह तक चीन में कैद रहे.। स्वर्गीय हवलदार मेजर धर्म सिंह का परिवार नगला में 1972 से निवास कर रहे हैं,। 1962 1965 1971 के युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देते हुए भारतीय सेना की तरफ से लड़ाई लड़ी। स्वर्गीय सूबेदार आलम सिंह बिष्ट 1982 से नगला में निवासरत 1962 1965 1971 में भारतीय सेना की तरफ से युद्ध में हिस्सा लिया। कर्नल प्रताप सिंह, कारगिल युद्ध में अदम्य साहस का परिचय दिया। बोफोर्स तोप एवं रडार सिस्टम का पूर्ण रूप से प्रतिनिधित्व किया जिन्होंने कारगिल युद्ध में अहम भूमिका निभाई। राजस्थान बॉर्डर पर अपना एक पाव गवा चुके हैं। सूबेदार आलम सिंह के नाती वर्तमान में आर्मी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वहीं दूसरी ओर एनडीए रजत बिष्ट S/0 नंदन सिंह बिष्ट के दो पुत्र एनडीए क्वालीफाई करने के उपरांत थल सेना में लेफ्टिनेंट एवं जल सेना में कैप्टन उदित बिष्ट अपनी सेवाएं दे रहे हैं। स्वर्गीय इंदर सिंह थापा 1965 1971 की लड़ाई में वही उनके पुत्र लक्ष्मण सिंह थापा भारतीय सेना से हाल फिलहाल रिटायर हुए हैं। त्रिलोक सिंह जिन्होंने भारतीय सेवा में अपने 8 साल दिए हैं। स्वर्गीय भीम सिंह बिष्ट पैरा कमांडो, आदि कई अन्य लोगों ने जो नगला क्षेत्र में निवास कर रहे हैं देश के लिए बहुत कुछ किया है, वहीं अगर उत्तराखंड राज्य आंदोलन की बात की जाए ,नगला क्षेत्र से अवतार सिंह बिष्ट, हरीश जोशी, एवं उनके परिवार के दो अन्य सदस्य, जगदीश बोहरा, प्रकाश पुजारी, जो की चिन्हित राज्य आंदोलनकारी हैं। परिवार के साथ नगला में 1976 से निवास करते हैं,। उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के साथ-साथ, उधम सिंह नगर को उत्तराखंड में मिलने के लिए 24,36 व 72 घंटे का जाम और उत्तराखंड राज्य आंदोलन में अनगिनत आंदोलन इनके द्वारा किए गए। दिल्ली फिरोजशाह कोटला मैदान से इंडिया गेट तक का मार्च पास्ट एवं उत्तराखंड राज्य आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उत्तराखंड राज्य गठन मै महत्वपूर्ण भूमिका इन की रही है। ताकि सनत रहे, उत्तराखंड राज्य आंदोलन में पूरा नगला क्षेत्र एक जुटता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जिसमें सभी जाति धर्म के लोग सम्मिलित होते थे ,मिल का पत्थर साबित हुआ था। पूरे उधम सिंह नगर में नगला क्षेत्र का जबरदस्त ,,विशेष,, असर देखने को मिलता था । नगला की खबर उधम सिंह नगर की खबर बन जाती थी। जिस नगला क्षेत्र को तोड़ने की चर्चा आजकल चल रही है । नगला वासियों ने देश व प्रदेश को एवं समाज को बहुत कुछ दिया है। आज जब नगला क्षेत्र को तोड़ने की कवायत चल रही है। राजेश शुक्ला पूर्व विधायक के द्वारा सराहनीय कार्य नगला को बचाने के लिए किया जा रहा है। नगला क्षेत्र को तोड़ने के लिए सरकारी महकमा भी कहीं ना कहीं असहज महसूस कर रहा है। हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स की तरफ से हम सरकार से मांग करते हैं नगला क्षेत्र के लोगों का एवं नगला मै निवास कर रहे लोगों के अधिकार सुरक्षित हो, विधानसभा पटल पर नगला क्षेत्र को लंबे समय से निवास कर रहे लोगों को मलिकाना हक दिया जाए। और देश, प्रदेश व समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नगला ,पंतनगर वासियों के अधिकार सुरक्षित किये जाए। उत्तराखंड राज्य की परिकल्पना थी, उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकार सुरक्षित होंगे। लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार में सबसे ज्यादा जिन्हें नुकसान हुआ है या फिर जिनके घर तोड़ दिए गए या फिर तोड़ दिया जाएंगे। नगला वासी 60 ,70, 80 के दशक में उन जगहों पर नगला मै विस्थापित हो चुके थे ।जिन्हें आज सरकार अपना बता रहीहैं। नगला वासी की निगाहें उत्तराखंड सरकार पर हैं ।असमंजस की स्थिति नगला क्षेत्र में बनी हुई है। एक और जहां लोगों के अंदर आक्रोश है। वहीं दूसरी ओर अपने जीवन की महत्वपूर्ण जमा पूंजी व अपने मेहनत के दम पर खड़े किए गए कंक्रीट के मकान उनके दर्द को बाया कर रहे हैं। महिलाएं वह बच्चे पथराई आंखों से अपने टूटे हुए घर को देखकर स्तंभ है। लोगों के अंदर दहशत का माहौल है। उम्मीद की एक किरण धामी सरकार पर है। जो नगला को बचा सकती है।


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