इस बार आयोजित होने वाला कार्यक्रम आठवां है और यह गंगा बेसिन वाले राज्यों के 139 जिलों में एक साथ मनाया जाएगा।
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
पहली बार गंगा उत्सव का आयोजन नदी के किनारे किया जा रहा है और इसका उद्देश्य गंगा नदी के संरक्षण को बढ़ावा देना, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्ता को उजागर करना और स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाना है।
केंद्र सरकार नदियों के संरक्षण के लिए शहरों के प्लान में जल और नदी प्रबंधन को अनिवार्य रूप से शामिल करने पर जोर दे रही है। इस लिहाज से गंगा उत्सव जैसे आयोजन महत्वपूर्ण हैं।
एनएमसीजी के महानिदेशक राजीव मित्तल ने बताया कि हरिद्वार में आयोजित होने वाले समारोह में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सीआर पाटिल समेत केंद्र और राज्य सरकारों के कई अतिथि भाग लेंगे। इस वर्ष के कार्यक्रम को नदी उत्सव के एक मॉडल कार्यक्रम के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
गंगा उत्सव के दौरान गंगा संवाद का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें विभिन्न विषयों पर प्रमुख हस्तियों, धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं के बीच विचार-विमर्श होगा। इस संवाद का उद्देश्य युवाओं को नदी संरक्षण से जोड़ने और जागरूकता के लिए प्रेरित करना है।
राजीव मित्तल ने बताया कि इस उत्सव में घाट पर हाट कार्यक्रम भी होगा। इसके जरिये स्थानीय विभागों द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टाल के माध्यम से नमामि गंगे पहल के विभिन्न आयामों को प्रदर्शित किया जाएगा।
दीपावली पर विहिप ने किया हवन यज्ञ
हरिद्वार। छोटी दिवाली के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद द्वारा विभाग कार्यालय पीली कोठी में विश्व कल्याण की कामना के लिए हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें प्रांत कार्यालय प्रमुख वीर सेन मानव, वरिष्ठ समाज सेवी गंगाधर पांडे, यशपाल, रविंद्र गोयल, प्रांतसेवा प्रमुख अनिल भारती, सह जिला संयोजक हिमांशु सैनी, विभाग संगठन मंत्री अमित, ललिता मिश्रा, कमलेश्वर मिश्रा, जानकी प्रसाद, सुषमा मिश्रा, सतनाम सिंह, सौरभ सक्सेना, प्रदीप राजपूत, जिला गोरक्षा प्रमुख संजय सैनी, गीता देवी श्रीवास्तव, प्रखंड अध्यक्ष दीनदयाल दीक्षित, राजकुमार शर्मा, गीता देवी आदि मौजूद रहे।
विहिप जिला सह मंत्री दीपक तालियान ने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि 500 साल का वनवास पूर्ण होने के बाद आज रामलला अयोध्या में भव्य मंदिर में विराजमान हैं। इसलिए यह दीपावली सनातनियों के लिए बहुत ही खास है।