
इन 9 द्वारों से निकलते हैं व्यक्ति के प्राण


गरुड़ पुराण के अनुसार, मनुष्य के शरीर में 9 द्वार होते हैं. जब भी व्यक्ति की मृत्यु होती है. तब व्यक्ति के प्राण इन्हीं नौ द्वारों से निकलते हैं. आत्मा शरीर को छोड़कर निकल जाती है. प्राण कैसे कब और किस द्वार से निकलेंगे. यह व्यक्ति कर्मों पर निर्भर करता है. इन सभी नौ द्वारों में से किसी से प्राणों का निकलना शुभ तो कुछ से अशुभ माना जाता है. वहीं वो नौ द्वार जहां से प्राण निकलते हैं. उनमें व्यक्ति की दोनों आंखों से लेकर कान, नासिकाएं, मुंह और शरीर के दोनों उत्सर्जन अंग हैं.
प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
नाक से प्राणों का निकलना
गरुड़ पुराण के अनुसार, नाक से प्राण निकलना बेहद शुभ माना जाता है. जो लोग अपना पूरा जीवन भगवान की भक्ति में समर्पित कर देते हैं. मन के सच्चे होते हैं. ऐसे लोगों के प्राण नाक के रास्ते बाहर निकलते हैं और आत्मा शरीर को छोड़कर चली जाती है.
मुंह से प्राणों का निकलना
मुंह से प्राणों का निकलना भी शभ माना जाता है. गरुड़ पुराण के अनुसार, जो भी व्यक्ति जीवन भर धर्म के रास्ते पर चलता है. उसके प्राण मुंह से निकलते हैं. यह बेहद शुभ माना जाता है. ऐसे लोगों को सीधे स्वर्ग में जगह मिलती है.
आंखों से प्राणों का निकलना
व्यक्ति की आंखों प्राणों का निकलना बेहद कष्ट कारी होती है. इसमें व्यक्ति की आंखें मृत्यु के समय पलट जाती है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो लोग मोह माया से ग्रसित होते हैं. ऐसे लोगों के यमदूत बलपूर्वक उनके प्राण निकालते हैं. इससे उनकी आंखे पलट जाती हैं.
मल या मूत्र से प्राणों का निकलना अशुभ
गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति के मल या मूत्र के स्थानों से प्राणों का निकलना अशुभ माना जाता है. ऐसे व्यक्ति को स्वार्थी, लालची और उम्र भर काम वासना में लीन रहने वाला माना जाता है. गरुड़ पुराण के अनुसार मृत्यु का समय आने पर ऐसे मनुष्य यमदूतों को देखकर डर जाते हैं. इससे उनके प्राण नीचे की ओर खिसकने लगते हैं. प्राण मल या मूत्र के द्वार से निकल जाते हैं.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. ये जानकारी सामान्य रीतियों और मान्यताओं पर आधारित है.)
