उत्तराखंड में शुरू किए गए ‘वेरिफिकेशन अभियान’ की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे राज्य के लिए जरूरी बताया।देहरादून में उन्होंने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि किसी भी दशा में राज्य की संस्कृति, अवधारणा और अस्मिता से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

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   राज्य की जनसांख्यिकी में जो बदलाव आया है, उसके लिये वेरिफिकेशन ड्राइव उत्तराखंड में चलाई गई थी, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

उन्होंने आगे कहा,” उत्तराखंड का जो राज्य का मूल स्वरूप है, जो राज्य की अवधारणा है वह अवधारणा बनी रहनी चाहिए। उसके लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। राज्य का स्वरूप किसी भी कीमत पर खराब नहीं होना चाहिए। राज्य में जो डेमोग्राफिक परिवर्तन हुआ है, उससे राज्य की मूल संस्कृति से छेड़छाड़ न हो। उसके लिए पिछले दिनों हमने वेरीफिकेशन अभियान भी चलाया है। इस अभियान को आगे हम और भी शक्ति से चलाएंगे। हमें उसके परिणाम भी सकारात्मक रूप से देखने को मिल रहे हैं। हमारा यह अभियान आगे चलता रहेगा।”

बता दें कि उत्तराखंड में बदल रही जनसांख्यिकी को देखते हुए बीते दिनों राज्य सरकार ने राज्य में वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कुछ दिन पहले देहरादून के पुलिस मुख्यालय में राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अभिनव कुमार और अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की थी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस अधिकारियों को ‘जनसांख्यिकी परिवर्तन, धर्म परिवर्तन और लव जिहाद’ की घटनाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा था कि राज्य में 2011 के बाद कोई जनगणना नहीं हुई है। इसके बावजूद कुछ लोगों के बीच खासकर पहाड़ी जिलों में यह धारणा है कि पिछले कुछ वर्षों में बाहर से लोगों के बसने के कारण राज्य की जनसांख्यिकी बदल गई है।


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