

अतिथि शिक्षकों ने सरकार से सुरक्षित भविष्य की मांग उठाई है। दुर्गम विद्यालयों में अल्प मानदेय में अतिथि शिक्षक बच्चों को अध्यापन का कार्य करवा रहे हैं। अतिथि शिक्षको ने परीक्षा परिणाम बेहतर रहने पर खुशी व्यक्त की। उत्तराखंड सरकार द्वारा पूर्व में शिक्षा विभाग की ओर से अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की गई। सुगम व दुर्गम के शिक्षक विहीन विद्यालयों में अतिथि शिक्षक अध्यापन का कार्य कर रहे हैं।



अतिथि शिक्षकों ने बेहतर परीक्षा परिणाम देकर खुद को साबित किया है। अतिथि शिक्षक शासन की ओर से दी जाने वाली ड्यूटी चुनाव ड्यूटी, बोर्ड ड्यूटी, मूल्यांकन सहित अन्य कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं। अतिथि शिक्षक पिछले 9 सालों से दुर्गम विद्यालयों में अल्प मानदेय में कार्य रहे हैं। अतिथि शिक्षकों ने सरकार से सुरक्षित भविष्य के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।
बोर्ड परीक्षाओं की बात करें तो गेस्ट टीचरों का अपने विषयों में प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है। इस कारण काफी हद तक शिक्षा विभाग अपनी साख भी बचा पाया है।
उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों के अतिथि शिक्षकों को लोक सभा एवं नगर निकाय चुनाव के बाद अच्छी खबर मिल सकती है।
हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/
प्रिंट मीडिया : शैल ग्लोबल टाइम्स/
अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद,
अवतार सिंह बिष्ट ,रूद्रपुर उत्तराखंड
मानदेय बढ़ोतरी की मांग को जायज मानते हुए शिक्षा निदेशालय ने मानदेय को 40 हजार रुपये करने की सिफारिश सरकार से की है। अतिथि शिक्षकों के संदर्भ में धामी सरकार सकारात्मक रूख अपनाते हुए। लगभग सभी मांगों पर सहमति व्यक्त कर चुकी है। किसी भी समय हो सकती है अतिथि शिक्षकों के संदर्भ में घोषणा।
वर्तमान में अतिथि शिक्षकों को केवल 25 हजार रुपये मानदेय मिल रहा है। इसके साथ ही अतिथि शिक्षकों को चिकित्सा अवकाश और अवकाश के दौरान भी मानदेय देने की पैरवी की गई है।

प्रिंट मीडिया : शैल ग्लोबल टाइम्स/
अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद,
अवतार सिंह बिष्ट ,रूद्रपुर उत्तराखंड
