हल्द्वानी. देवों की भूमि उत्तराखंड में कई ऐतिहासिक और लोकप्रिय धार्मिक स्थल स्थित हैं. इन धार्मिक स्थलों में लोगों की गहरी आस्था है. आज हम आपको उत्तराखंड के ऐसे ही एक प्रसिद्ध मां शीतला देवी मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. यह ऐतिहासिक धार्मिक स्थल नैनीताल जिले के हल्द्वानी में काठगोदाम स्थित उच्च चोटी पर है. मां शीतला देवी मंदिर क्षेत्र में रहने वाले लोगों की आस्था का केंद्र है. माता शीतला को मां दुर्गा का अवतार भी माना जाता है. यहां माता के दर्शन करने के लिए स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं. बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पैदल यात्रा कर भी पहुंचते हैं. माता शीतला का मंदिर बहुत ही आकर्षक मंदिर है. इसके आसपास का वातावरण भी श्रद्धालुओं को काफी भाता हैं. मां शीतला को चेचक आदि कई रोगों की देवी बताया गया है.

Spread the love

यह स्थान ६ठीं से ११वीं सदी तक, कुमाऊँ में कत्युरी शासन और उसके बाद चंद शासन काल के व्यापारिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थान रहा था।

हल्द्वानी से नैनीताल रोड मे काठगोदाम से कुछ किलोमीटर की दूरी पर गुलाब घाटी के निकट, रानीबाग की एक पहाड़ी पर पौराणिक और ऐतिहासिक रानीबाग नदी की चोटी पर जंगल के बीच स्थित है माँ शीतला देवी मंदिर।

माँ शीतलादेवी के मंदिर उत्तराखण्ड में द्वाराहाट, शीतलाखेत, अल्मोड़ा तथा काठगोदाम सहित कई स्थानो मे हैं।

माँ शीतला देवी मंदिर घने जंगल में स्थित है। हल्द्वानी या काठगोदाम से sharing ऑटो या अपने वाहन द्वारा यहाँ पहुच सकते है। हल्द्वानी से यहाँ की दूरी लगभग 9 किलोमीटर है। अपना वाहन चौड़ी सड़क के किनारे उचित स्थान पर खड़ा कर मंदिर तक लगभग आधा किलोमीटर का ट्रेक कर पहुचा जा सकता है, जिसे तय करने मे लगभग 10 से 15 मिनट का समय लगता है।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर ,उत्तराखंड


Spread the love