
रुड़की दिनांक 26.10.2024आदर्श शिवाजी नगर रामलीला समिति की लीला के नवें दिन की लीला का शुभारंभ, समाजसेवी हर्ष प्रकाश काला, लक्ष्मी आर्ट ज्वैलर्स , अमित वर्मा महालक्ष्मी ज्वेलर्स, पवन सिंह एवं मोहन सिंह मेहता, नरेंद्र सिंह चौहान, शिशुपाल सिंह नेगी , श्याम सिंह पवार, वीरेंद्र दत्त लखेड़ा, महिला मंडली बी ब्लॉक सुमन रावत व मंडली, जयकृत सिंह चौहान, खिलाफ सिंह कंडारी, दरबार सिंह बुटोला, सुरेंद्र सिंह बिष्ट, पूर्व प्रधान बलवंत सिंह पवार, वीरेंद्र सिंह बिष्ट, ठाकुर जितेंद्र सिंह पुंडीर, राजेंद्र सिंह रावत आदर्श शिवाजी नगर, महिला मंडली बी ब्लॉक सुरेशी देवी एंड पार्टी, ने संयुक्त रूप से रिबन काटकर शुभारंभ किया।


हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
नवम दिन की लीला में, हनुमान जी सीता माता से फल भक्षण करने की इजाजत मांगते हैं। और पूरे बाग को तहस-नहस कर देते हैं। रावण को जब इस बात का पता लगता है तो वह अक्षय कुमार को हनुमान को मारने के लिए भेजते हैं परंतु वह स्वयं मारा जाता है। इस पर क्रोधित होकर, हनुमान को बंदी बनाकर रावण के दरबार में लाया जाता है जहां उसे मारने का रावण हुक्म देते हैं। परंतु विभीषण कहते हैं कि दूत का बध करना न्यायोचित नहीं है।
बंदर को अपनी पूंछ सबसे प्यारी होती है, इसलिए इस पर आग लगा दी जाए, हनुमान की पूंछ पर आग लगते ही वह अपना विराट रूप लेकर पूरी लंका में घूम कर उसे भस्म कर देते हैं। सीता माता की सुधि लेकर, हनुमान जी राम के पास आते हैं, और युद्ध घोषणा करने के लिए कहते हैं, परंतु राम कहते हैं, हमें एक बार और प्रयास करके रावण को समझाने की कोशिश करनी चाहिए।
अबकी बार अंगद को यह जिम्मेदारी सौंप जाती है। रावण और अंगद में जोरदार संवाद होता है। और वह रावण को चुनौती देता है तुम्हारी सेना में अगर किसी ने मेरा पैर जमीन से उठा दिया तो तुम्हारी जीत और हमारी हार, वरना तुम्हें सीता माता को वापस करना पड़ेगा। रावण के सभी सेनानी अंगद का पैर नहीं उठा पाते हैं। तब रावण स्वयं अंगद का पैर उठाने के लिए झुकता है, उसके ज्ञान का सम्मान करते हुए, अंगद अपना पर हटाता है और रावण से कहता है मेरे पैरों पर नहीं प्रभु राम के चरणों में जाओ, वे तुम्हें अवश्य माफ कर देंगे।
इस पर रावण क्रोधित हो जाता है।
और अंगद युद्ध की घोषणा करके वापस लौट आता है। रावण विभीषण को देशद्रोही कह कर घर से निकाल देता है और इसी के साथ नौवे दिन की लीला का पटाक्षेप हो जाता है। इस अवसर पर गौर सिंह भंडारी ,पुष्कर सिंह तोमर,सत्येंद्र सिंह नेगी, महावीर प्रसाद डोभाल, जितेंद्र ज़ख्मोला, रणजीत सिंह रावत, जयवीर सिंह रावत, सतीश कुकरेती, पारेश्वर प्रसाद लखेड़ा, अनसूया प्रसाद जोशी, बच्ची राम कुण्डलिया, धर्मानंद भट्ट, लक्ष्मण सिंह बिष्ट, उमराव सिंह पटवार, सतीश नेगी, जय सिंह नेगी,रामचरण सिंह बिष्ट, श्याम सिंह पवांर, योगम्बर सिंह रौथाण, रविंद्र सिंह पंवार , राजेंद्र सिंह रावत, शाकुम्बरी चौहान, उमा रावत, सरिता बिष्ट , बादल लखेड़ा, शुभम लखेड़ा , ऋतिक नेगी, दिव्यांशु थपलियाल, अभिनव बंगारी, अंशु, अदिति गुसाई, सौरभ पवार, आयुश, हर्षिता बिष्ट, रिया बिष्ट, लब्बी रावत, अंजलि रावत, पायल, सुप्रिया मेहरा, रितु लखेड़ा , अनूप, सत्येंद्र सिंह नेगी, भगत सिंह रावत , बालम सिंह नेगी ,रंजीत सिंह रावत, विजय सिंह पंवार, पंचम सिंह बिष्ट, संतोषी राणा ,सुरेंद्र सिंह नेगी, जगमोहन सिंह रावत, रोहित रावत, आनंद सिंह बडथ्वाल, सुनील नेगी, गणेश खंडूरी, दरवान सिंह बुटोला , बलवंत सिंह भंडारी, कुंदन सिंह नेगी, राजेंद्र सिंह रावत,रामेश्वरी पवार, विशम्बरी बिष्ट , गायत्री बुमला, शिवचरण बिंजोला, सुरेंद्र सिंह पवार ,दिनेश सिंह चौधरी, विनीत भारद्वाज, आदि राम भक्त उपस्थित थे।
