Hindustan Global Times पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाई दूज के दिन ही यमराज अपनी बहन यमुना के घर गए थे, इसके बाद से ही भाई दूज या यम द्वितीया की परंपरा की शुरुआत हुई. सूर्य पुत्र यम और यमी भाई-बहन थे. यमुना के अनेकों बार बुलाने पर एक दिन यमराज यमुना के घर पहुंचे. इस मौके पर यमुना ने यमराज को भोजन कराया और तिलक कर उनके खुशहाल जीवन की कामना की.

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दिनांक 15 नवंबर 2023 दिन बुधवार को (यम द्वितीया) भैया दूज पर्व मनाया जाएगा। कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि को भैया दूज पर्व मनाया जाता है।
मुहूर्त
द्वितीया तिथि प्रारंभ 14 नवम्बर 2023 अपराह्न 2:38 से प्रारंभ होकर 15 नवम्बर 2023 दिन बुधवार दोपहर 1:49 तक।
प्रथम शुभ मुहूर्त 15 नवंबर को प्रातः 6:44 मिनट से प्रातः 9:24 मिनट तक दूसरा शुभ मुहूर्त प्रातः 10:40 मिनट से अपराह्न 12 बजे तक है।
पूजा विधि
नित्य कर्म से निवृत्त होकर यदि संभव हो यमुना के जल से स्नान करना चाहिए तदोपरांत दैनिक पूजा करें। विवाहित स्त्रियां भाई दूज पर्व पर भाई को ससम्मान अपने घर आमंत्रित करें। टीके की थाल सुसज्जित करें। रोली, कुमकुम, अक्षत एवं मौली रखें। पूजा थाल में घी का दीपक प्रज्वलित करें एवं गोला व मिष्ठान रखें। शुभ मुहूर्त में भाई को रोली से टीका करें कुमकुम,अक्षत लगाएं दाएं हाथ में मौली बाधें। भाई का मुंह मीठा करें हाथ में नारियल दें। घी के दीपक से भाई की आरती करें और इस मंत्र का पाठ करें –
धर्मराज नमस्तुभ्यं नमस्ते यमुनाग्रज।
पाहि मां किंकरैः सार्धं सूर्यपुत्र नमोऽस्तुते।।
एवं भाई के दीर्घायु और उज्जवल भविष्य की कामना करें। तदुपरांत भाई को भोजन कराएं।


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