हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स,भाजपा अपने हारी हुई 23 सीटों के अलावा ऐसी सीटों पर भी फोकस करेगी जिनमें एससी, एसटी, ओबीसी वोटों का ज्यादा गणित हो। इसके लिए पार्टी नए सिरे से फोकस कर रही है। पार्टी केंद्र और राज्य सरकार की ऐसी योजनाओं को भी इन क्षेत्रों में ज्यादा प्रचार प्रसार करेगी।

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भाजपा ने अपने ऐसे सीटों पर फोकस करना शुरू कर दिया है। जहां ऐसे वोटों का समीकरण ज्यादा है।

उत्तराखंड में भाजपा लोकसभा की पांचों सीटों पर हैट्रिक मारने के लिए नए सिरे से रणनीति में जुटी है। इसके लिए भाजपा अपने हारी हुई 23 सीटों के अलावा ऐसी सीटों पर भी फोकस करेगी जिनमें एससी, एसटी, ओबीसी वोटों का ज्यादा गणित हो। इसके लिए पार्टी नए सिरे से फोकस कर रही है। पार्टी केंद्र और राज्य सरकार की ऐसी योजनाओं को भी इन क्षेत्रों में ज्यादा प्रचार प्रसार करेगी। जो कि गरीब और समाज के पिछड़े वर्ग के वोटों पर असर डाल सकती है।

इसमें हरिद्वार संसदीय क्षेत्र सबसे ज्यादा टारगेट पर है। इन क्षेत्रों में भाजपा को चुनाव में कुछ ज्यादा फायदा अब तक नजर नहीं आया है। इन क्षेत्रों को मजबूत करने के लिए अब भाजपा अपने कार्यकर्ताओं और बड़े नेताओं को बूथ स्तर पर काम करने के लिए खास प्लानिंग के तहत उतारेगी। अल्पसंख्यक और अनुसूचित जाति व ओबीसी वोट बैंक प्रभाव वाली सीटों पर पार्टी ज्यादा फोकस करेगी।

इसके लिए केंद्रीय नेताओं के दौरे को भी बढ़ाया जाएगा। साथ ही ऐसे चेहरे उतारे जाएंगे जो कि इस समाज का नेतृत्व करते हैं। इसके अलावा सम्मेलन और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इनमें सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही केंद्र व राज्य की योजनाओं का प्रचार प्रसार किया जाएगा। महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद अब भाजपा का फोकस ओबीसी समाज पर भी बढ़ता जा रहा है।

विपक्ष ने महिला आरक्षण बिल के बाद से ओबीसी समाज के मु्द्दे पर फोकस किया है। भाजपा लोकसभा चुनाव में इसका तोड़ निकालने के लिए अब नई रणनीति पर फोकस कर रही है। पहले भाजपा ने 23 हारी सीटों पर फोकस कर चुनाव की रणनीति तैयार कर रही थी। इनमें चकराता, धारचूला, बदरीनाथ, खटीमा उधम सिंह नगर, नानकमत्ता उधम सिंह नगर, सीटें शामिल हैं। अब पार्टी इनके साथ ही ओबीसी, एससी, एसटी प्रभाव वाली सीटों पर भी फोकस कर रही है।


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