ईस्राइल में आतंकी संगठन हमास के अंधाधुंध रॉकेट हमलों और गाजा पट्टी में सेना की जवाबी कार्रवाई के बाद हजारों लोगों की मौत हुई है। आतंकियों के नापाक मंसूबों को हमेशा के लिए नष्ट करने का करने का एलान कर चुके इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक तल्ख टिप्पणी की।



उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में पश्चिमी एशिया पूरी तरह बदल जाएगा। नेतन्याहू ने कहा, ‘हमास के प्रति हमारी प्रतिक्रिया मध्य पूर्व को बदल देगी।’ बता दें कि भारतीय नजरिए से इस्राइल की भौगोलिक स्थिति पश्चिमी एशिया है, जबकि अमेरिका सरीखे देश इसे मीडिल ईस्ट या मध्य पूर्व कहते हैं।

तनाव बढ़ने के बीच ईरान ने भूमिका से इनकार किया
गौरतलब है कि इस्राइल-फलस्तीन का टकराव कई साल पुराना है। इसी बीच हमास की आतंकी वारदात के कारण तनाव बढ़ गया है। ईरान और हिजबुल्लाह ने हमास के हमले की प्रशंसा की है। हालांकि तेहरान ने हमलों में किसी भी भूमिका से इनकार किया है।

आतंकी ठिकानों को खाक में मिलाएगा इस्राइल
इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमास के हमलों से प्रभावित दक्षिणी सीमावर्ती शहरों के मेयरों से बात करने पहुंचे। पीएम नेतन्याहू ने गाजा के नागरिकों को हमास के ठिकानों से दूर चले जाने की चेतावनी भी दी है। बता दें कि शनिवार को हमलों के बाद नेतन्याहू ने पहली प्रतिक्रिया में हमास के आतंकी ठिकानों को “मलबे में बदलने” की कसम खाई थी।

अब तक 1200 से अधिक की मौत, 2000 से अधिक घायल
अमेरिका ने कहा है कि वह इस्राइल के साथ मजबूती से खड़ा है। अमेरिका ने इस्राइल को सैन्य सहायता भेजने का आश्वासन भी दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सैन्य सहायता के बारे में अधिकारियों ने कहा, ऐसा तब हुआ है जब इस्राइल में 700 से अधिक लोग मारे गए हैं। तेल अवीव ने गाजा पर बार-बार हमले करके जवाबी कार्रवाई कर रहा है। स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार कम से कम 560 लोग मारे गए हैं।
इस्राइली सेना का ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स
औपचारिक रूप से युद्ध की घोषणा के एक दिन बाद, इस्राइल की सेना ने दक्षिणी शहरों में हमास के आतंकवादियों को कुचलने के लिए ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स शुरू किया। हमास के खिलाफ इस्राइली सेना की महत्वपूर्ण कार्रवाई के बाद सेना ने लगभग तीन लाख रिजर्व सैनिकों को बुलाया।
गाजा पट्टी में बिजली सप्लाई बंद, भोजन और ईंधन पर भी रोक
सेना की कार्रवाई के बारे में इस्राइली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि उन्होंने गाजा की पूरी घेराबंदी का आदेश दिया है। सरकार के इस फैसले का अर्थ है कि बिजली काट दी जाएगी। सैन्य कार्रवाई वाले क्षेत्र में भोजन और ईंधन की सप्लाई भी रोकी जाएगी। सेना की घोषणा इस्राइली सेना के यह कहने के बाद आई है कि उसने हमास के कब्जे से सीमावर्ती इलाकों को मुक्त करा लिया है। इस्राइल ने फिर से “नियंत्रण” हासिल कर लिया है।
तीन लाख सैनिकों को बुलाया
इस्राइली सेना के मुख्य सैन्य प्रवक्ता रियर एडमिरल डैनियल हगारी ने कहा कि कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं, लेकिन कोई लड़ाई नहीं हो रही है। हालांकि, उन्होंने आगाह किया है कि क्षेत्र में अभी भी आतंकवादी छिपे हो सकते हैं। सेना चप्पे-चप्पे की तलाशी ले रही है। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइल ने कहा कि उसने 3,00,000 सैन्य रिजर्व बुलाए हैं। ट्रक के काफिले को दक्षिणी इलाकों की ओर टैंक ले जाते देखने का दावा भी किया गया है।
हमास को इस्राइली सेना का मुंहतोड़ जवाब, PM नेतन्याहू की दो टूक- बदल डालेंगे पश्चिम एशिया का नक्शा
इज़रायल के सरकारी स्वामित्व वाले कान टीवी ने मंगलवार को बताया कि इजरायली सरकार के अधिकारियों ने सिन्हुआ से कहा कि मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि बचावकर्मी अभी तक दक्षिणी इजरायल के कुछ इलाकों में नहीं पहुंचे पाए हैं, जहां शनिवार को हमला करने वाले हमास आतंकवादी अभी भी इजरायली सैनिकों के साथ संघर्ष कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अस्पतालों में घायलों की संख्या बढ़कर 2,616 हो चुकी है, जिनमें से 25 की हालत गंभीर है। गाजा में आतंकवादी समूहों के अनुसार, फिलिस्तीनी एन्क्लेव में लगभग 130 इजरायली बंधकों को रखा गया है।
इसी तरह फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, गाजा पर इजरायल के हवाई हमलों में कम से कम 560 लोग मारे गए हैं। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के नए अपडेट के अनुसार, गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों में मरने वालों और घायलों की संख्या बढ़कर क्रमशः 687 और 3,726 हो गई है। फिलिस्तीनी इस्लामिक प्रतिरोध आंदोलन (हमास) ने शनिवार को गाजा पट्टी से सटे इजरायली शहरों पर एक आश्चर्यजनक हमला किया, जिसके बाद इजरायल ने गाजा पर जवाबी हमले शुरू कर दिए।
हमले के दौरान, हमास के उग्रवादियों ने गाजा पट्टी को इजराइल से अलग करने वाली सुरक्षा बाड़ को तोड़ दिया और आसपास के समुदायों पर हमला कर दिया, इजराइलियों को मार डाला और कब्जा कर लिया। वहीं दूसरी तरफ जानकारों का कहना है कि गाजा पट्टी पूरी तरह से इजराइल पर निर्भर है इससे गाजापट्टी के लोगों की समस्याएं और ज्यादा बढ़ेगी।

