

डबल इंजन के ‘डबल’ प्रयास हर तरफ दिख रहे, पढ़ें पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें


डबल इंजन की सरकार ने इस सोच को भी बदला है। हम सीमावर्ती गांवों को लास्ट विलेज नहीं, बल्कि देश के फर्स्ट विलेज के रूप में विकसित करने में जुटे हैं।
हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स ,अवतार सिंह बिष्ट रूद्रपुर उत्तराखंड
स्टोरी की खास बातें
- उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पहुंचे पीएम मोदी
- उत्तराखंड की जनता को प्रधान मंत्री ने किया संबोधित
- सीमावर्ती गांवों को फर्स्ट विलेज बनाने पर दिया जोर
उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने कहा- ‘उत्तराखंड की सरकार अपनी तरफ से जमीनी सच्चाई को समझते हुए यहां तेजी से काम कर रही है और भारत सरकार की योजनाओं को, हमारे विजन को भी उतनी ही तेजी से जमीन पर उतारती है। आज भारत को देखने के लिए भारतीयों और विदेशियों दोनों में अभूतपूर्व उत्साह देखने को मिल रहा है। हम पूरे देश में थीम बेस्ड टूरिज्म सर्किट तैयार कर रहे हैं। कोशिश ये है कि भारत के नेचर और हेरिटेज दोनों से ही दुनिया को परिचित कराया जाए। इस अभियान में उत्तराखंड, टूरिज्म का एक सशक्त ब्रांड बनकर उभरने वाला है।’
उन्होंने कहा- ‘आज भारत और भारतीयों को दुनिया जिस उम्मीद और सम्मान से देख रही है, उसे हर भारतीय एक दायित्व के रूप में ले रहा है। हर देशवासी को लगता है कि विकसित भारत का निर्माण उसकी जिम्मेदारी है। आपको आज देश में policy-driven governance दिखेगी, आपको आज Political stability के लिए देशवासियों का मजबूत आग्रह दिखेगा। आकांक्षी भारत आज अस्थिरता नहीं चाहता, वह आज स्थिर सरकार चाहता है। हाल में हुए विधानसभा चुनाव में हमने ये देखा है और उत्तराखंड के लोगों ने इसे पहले ही करके दिखाया है।’

ये देवभूमि बहुत सारे द्वार खोलने जा रही हैः पीएम मोदी
पीएम मोदी ने उत्तराखंड में विकास की तीव्रता के बारे में बात करते हुए कहा- ‘सामर्थ्य से भरी ये देवभूमि निश्चित रूप से आपके लिए बहुत सारे द्वार खोलने जा रही है। आज भारत विकास भी और विरासत भी के जिस मंत्र के साथ आगे बढ़ रहा है, उत्तराखंड उसका प्रखर उदाहरण है। बीते दिनों उत्तरकाशी में टनल से हमारे श्रमिक भाईयों को सुरक्षित निकालने का जो सफल अभियान चला, उसके लिए मैं राज्य सरकार समेत सभी का अभिनंदन करता हूं।’
हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स ,अवतार सिंह बिष्ट रूद्रपुर उत्तराखंड
उन्होंने कहा- ‘देवभूमि उत्तराखंड में आकर मन धन्य हो जाता है। कुछ वर्ष पहले जब मैं बाबा केदार के दर्शन के लिए निकला था, तो अचानक मेरे मुंह से निकला था कि 21वीं सदी का ये तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक है। मुझे खुशी है कि अपने उस कथन को मैं लगातार चरितार्थ होते हुए देख रहा हूं।’

