यह निर्णय उन चिकित्सकों को लाभ पहुंचाएगा जिन्होंने दुर्गम और पर्वतीय क्षेत्रों में निर्धारित सेवा अवधि पूरी की है। इस ऐतिहासिक कदम को राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने और चिकित्सकों के हितों की रक्षा की दिशा में बड़ा निर्णय माना जा रहा है।
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सभी कार्मिकों की समस्याओं को गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि दंत चिकित्सकों की यह मांग वर्षों से लंबित थी। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री की संवेदनशीलता और नेतृत्व के चलते यह समाधान संभव हो सका। उन्होंने कहा कि शासन ने स्क्रीनिंग कमेटी की सिफारिशों पर विचार करते हुए यह आदेश जारी किए हैं, जिससे दंत चिकित्सकों को बड़ी राहत मिलेगी।
71 दंत चिकित्सक होंगे लाभान्वित
एसडीएसीपी के तहत 71 दंत चिकित्सकों को लाभ दिया जाएगा। इनमें सेवा अवधि और क्षेत्र के आधार पर तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। पहली श्रेणी में चार वर्ष की संतोषजनक सेवा और दो वर्ष की पर्वतीय-दुर्गम सेवा पूरी करने वाले 63 चिकित्सक व दूसरी श्रेणी में नौ वर्ष की संतोषजनक सेवा और पांच वर्ष की पर्वतीय-दुर्गम सेवा पूरी करने वाले पांच चिकित्सक तो तीसरी श्रेणी में 20 वर्ष की संतोषजनक सेवा और नौ वर्ष की पर्वतीय-दुर्गम सेवा पूरी करने वाले तीन चिकित्सक हैं। यह निर्णय दंत चिकित्सकों के लिए न केवल आर्थिक रूप से राहतकारी होगा, बल्कि उनके सम्मान और प्रोत्साहन को भी बढ़ावा देगा।
चिकित्सकों की मांगों पर सरकार गंभीर
स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट किया कि सरकार चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों की सभी न्यायोचित मांगों को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता यह सुनिश्चित करना है कि हर स्वास्थ्यकर्मी को उनके योगदान के अनुरूप सुविधाएं और लाभ मिलें। सरकार इस दिशा में लगातार काम कर रही है और हर मांग पर उचित विचार कर समाधान किया जाएगा। उन्होंने सभी चिकित्सकों से अपील की कि वे राज्य के नागरिकों को समर्पण और निष्ठा से अपनी सेवाएं देते रहें।
स्वास्थ्य सेवाओं को नई मजबूती
एसडीएसीपी का यह फैसला राज्य के स्वास्थ्य विभाग के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। विशेष रूप से पर्वतीय और दुर्गम क्षेत्रों में सेवा देने वाले चिकित्सकों का मनोबल बढ़ाने में यह कदम महत्वपूर्ण साबित होगा।