कैसे वसूला जाएगा टैक्स?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उत्तराखंड की सीमाओं पर एएनपीआर कैमरों के जरिए वाहन की नंबर प्लेट स्कैन की जाएगी। इसके बाद, फास्टैग वॉलेट से स्वचालित रूप से टैक्स की राशि काट ली जाएगी।
ग्रीन टैक्स क्या है?
ग्रीन टैक्स को पर्यावरण टैक्स भी कहा जाता है। यह टैक्स मुख्यतः प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण के अनुकूल साधनों को बढ़ावा देने के लिए लगाया जाता है। इसका उद्देश्य राज्य के इकोसिस्टम की रक्षा करना और स्वच्छ यात्रा को प्रोत्साहन देना है।
- दो पहिया वाहन: ₹20
- चार पहिया वाहन: ₹40
- मध्यम एवं भारी वाहन: ₹60-80
किन्हें मिलेगी छूट?
- इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहन।
- राज्य के नंबर प्लेट वाले वाहन।
- सरकारी वाहन, एंबुलेंस और दमकल गाड़ियां।
उत्तराखंड परिवहन विभाग इस योजना के तहत निजी कंपनियों को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। निविदा प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है। ग्रीन टैक्स लागू होने से प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की संख्या कम हो सकती है। साथ ही, यह राज्य की ईको-टूरिज्म नीति को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगा।