अगर आप शादी के बाद अपने पार्टनर का नाम पासपोर्ट में जोड़ना चाहते हैं, तो अब आपको मैरिज सर्टिफिकेट की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। विदेश मंत्रालय ने इस नियम को पहले से कहीं अधिक आसान बना दिया है, जिससे लाखों लोगों को बड़ी राहत मिली है।

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अब नहीं चाहिए मैरिज सर्टिफिकेट – जानें क्या है नया नियम

पहले पासपोर्ट में पति या पत्नी का नाम जोड़ने के लिए मैरिज सर्टिफिकेट जमा करना अनिवार्य था। यह प्रक्रिया खासकर उन राज्यों में मुश्किल भरी हो जाती थी, जहां शादी के बाद प्रमाण पत्र बनवाना आम चलन में नहीं है—जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश।

अब विदेश मंत्रालय ने इस बाध्यता को खत्म करते हुए, स्व-घोषणा पत्र (Self Declaration) को मान्यता दे दी है। यानी अब आपको सिर्फ एक आसान फॉर्म भरकर, कुछ जरूरी जानकारियों और फ़ोटो के साथ पासपोर्ट में अपने जीवनसाथी का नाम जुड़वाने की सुविधा मिल जाएगी।

Annexure J बनेगा अब आपका सहारा

नई व्यवस्था के तहत, Annexure J नामक एक डॉक्यूमेंट पेश किया गया है, जिसमें आप दोनों की संयुक्त तस्वीर, और आपके साइनेचर के साथ कुछ बुनियादी जानकारियां शामिल होंगी। यह फॉर्म एक डिक्लेरेशन के रूप में काम करेगा और यही दस्तावेज पासपोर्ट अथॉरिटी के लिए शादी का प्रमाण माना जाएगा।

क्या फायदे होंगे इस बदलाव से?

  • शादी का प्रमाण देने के लिए अब सरकारी दस्तावेज़ की जरूरत नहीं

  • प्रोसेस हुआ सरल, पारदर्शी और समय की बचत करने वाला

  • मैरिज सर्टिफिकेट न होने पर भी पासपोर्ट में नाम जुड़वाना हुआ मुमकिन

  • ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों के नागरिकों को मिलेगी बड़ी राहत

क्यों जरूरी था यह बदलाव?

अब भी भारत के कई हिस्सों में लोग शादी के बाद मैरिज सर्टिफिकेट नहीं बनवाते, जिससे विदेश यात्रा या सरकारी दस्तावेज़ों में पार्टनर का नाम जोड़ना एक चुनौती बन जाता है। सरकार ने इस जमीनी हकीकत को समझते हुए प्रक्रिया को लचीला बना दिया है, जिससे आम नागरिक को अनावश्यक कानूनी औपचारिकताओं में न उलझना पड़े। यह बदलाव खासतौर पर उन लोगों के लिए राहत की सांस है, जिन्हें विदेश यात्रा, वीजा आवेदन या पारिवारिक पहचान के लिए पासपोर्ट में जीवनसाथी का नाम जुड़वाना जरूरी होता है।


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