आप दिल्ली से अमेरिका जाना चाहते हैं तो आपको फ्लाइट से कम से कम 15 घंटे का वक्त लगेगा. पर क्या हो अगर यह वक्त 15 घंटों से घट से कर 40 मिनट हो जाए? अगर आप को शक है कि ऐसा कैसे हो सकता है तो एक नाम है जो आप के शक को खत्म कर सकता है और वह है एलन मस्क का!

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नई भूमिका ने नजर आने वाले हैं मस्क
हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में उन्होंने डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन कर सुर्खियां बटोरी थीं. अब वे सरकारी कारगरता विभाग यानी डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी के लिए सलाहकार की भूमिका के लिए चुने जा रहे हैं. इसके अलावा, उन्होंने पहली ही बड़ी चीजों पर निगाहें जमाना शुरू कर दी हैं जिनमें से मंगल ग्रह पर कॉलोनी बनाने की योजना काम केवल एक भर है जिसके लिए वे मंगल यात्रा में स्टारशिप यानों का उपयोग करेंगे.

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

बहुत तेज हो जाएगी रफ्तार, घटेगा समय
अब रिपोर्ट बता रही है कि मस्क का प्लान स्पेस एक्स की स्टारशिप का दूसरी तरह से भी करने का है और वह भी केवल पृथ्वी पर ही उसका उपयोग होगा. यूनिलैड टेक की रिपोर्ट के मुताबिक मस्क का ताजा प्लान बहुत ही तेज गति वाली उड़ाने शुरू करना होगा जिससे उड़ान की अवदि 2200 फीसदी तक कम किया जा सकता है.

मस्क अपने इस लक्ष्य को स्टारशिप की उड़ानों के जरिए हासिल करेंगे. (प्रतीकात्मक तस्वीर:

कितना समय लगेगा अब
इसमें सबसे प्रमुख फ्लाइट जिसकी खासी चर्चा है वह न्यूयॉर्क से शंघाई तक है जिसे पूरी करने में फिलहला 14 घंटे 50 मिनट तक का सफर लगता है. लेकिन स्टारशिप का उपयोग कर मस्क इस समय को केवल 39 मिनट तक कम करना चाहते हैं. वहीं नई दिल्ली से लेकर सैन फ्रांसिस्को तक की फ्लाइट में अभी 15 घंटे का समय लगता है, मस्क के स्टारशिप से ये समय 1 घंटे तक सिमट सकता है.

तीन खास फ्लाइट
फिलहाल स्पेसक्राफ्ट की अधिकतम स्पीड 27 हजार किमी प्रति घंटा है, लेकिन इस रफ्तार से सफर करना इंसानों केलिए उतना सुखद शायद ना हो. इन दो फ्लाइट के अलावा मस्क का प्लान लंदन से न्यूयॉर्क, पेरिस से न्यूयॉर्क की सुपर फ्लाइट भी शामिल हैं. अगर सब कुछ मस्क के प्लान के मुताबिक चला तो लंदन से न्यूयॉर्क की उड़ान में 29 मिनट का समय लगेगा, पेरिस से न्यूयॉर्क तक 30 मिनट लगेगा और दिल्ली से सैन फ्रांसिस्को तक केवल 40 मिनट में पहुंचा जा सकेगा. मस्क ने इन तरह की सुपरफ्लाइट्स के वीडियो के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि यह अब संभव है.

मस्क मंगल ग्रह पर 2028 तक इंसान को पहुंचाना चाहते हैं (प्रतीकात्मक तस्वीर: Wikimedia Commons)

यानी और भी हैं खिलाड़ी
गौरतलब है कि बूम ओवरचर ने हाल ही में ऐलान किया है कि उसकी खास सुपरफैक्ट्री बन कर तैयार हो चुकी है. और इसके अगले साल के मध्य तक उत्पादन शुरू करने की संभावना है. इसमें दो असेंबली लाइन हैं जिसमे पहली के जरिए एक साल में 33 विमान बन सकेंगे और दूसरे में दो गुना उत्पादन हो सकेगा. वहीं ओवरचर 1970 में पहले ही सुपरसॉनिक विमान शुरू कर चुकी है. लेकिन 2003 में इसकी आखिरी व्यवसायिक उड़ान भरी गई थी.

अभी इसके एक्स1बी यान की रफ्तार 2200 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से उड़ सकते हैं यानी वे दिल्ली से अमेरिका 6 घंटे से भी कम समय में पहुंचा देंगे. साफ है कि मस्क इस क्षेत्र में अकेले नहीं हैं. मस्क की मंगल तक की टेस्ट फ्लाइट अलगे दो साल में पूरी कर ली जाएगी और अगर सब कुछ ठीक रहा तो वे चार बाद इंसान को मंगल पर भेज सकेंगे.


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