अब किसी भी वाहन मालिक और डीएल होल्डर को अपना पता, मोबाइल नंबर और अन्य जानकारी अपडेट करनी जरूरी होगी. इस कदम का मकसद नियम तोड़ने वालों को बिना सजा के छूटने से रोकना और जुर्माने से बचने से रोकना है. ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री की तरफ से इसे मोटर व्हीकल एक्ट में प्रस्तावित संशोधन का हिस्सा बनाने पर विचार किया जा रहा है.


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
नियम तोड़ने वाले नहीं बच सकेंगे
टीओआई में प्रकाशित खबर के अनुसार एक अधिकारी ने बताया, ‘ऐसा कोई सिस्टम होना चाहिए जिससे बार-बार नियम तोड़ने वाले लोगों को ट्रैक किया जा सके. इस तरह के लोग सड़क पर चलने के साथ दूसरे लोगों के लिए भी खतरा पैदा करते हैं. अभी मोबाइल नंबर बदल देना और नए डीएल के लिए अप्लाई करना पेनाल्टी और कार्रवाई से बचने का सबसे आसान तरीका है. हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन सचिव वी उमाशंकर ने रोड सेफ्टी पर आयोजित एक सम्मेलन में इस प्रस्तावित कदम की तरफ इशारा किया.
12000 करोड़ से ज्यादा के ई-चालान पेंडिंग
उन्होंने कहा, ‘12,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के ई-चालान पेंडिंग हैं. दरअसल, जिस डेटाबेस के जरिये हम ई-चालान सिस्टम को लागू कर रहे हैं, वह अपडेट नहीं है. इसलिए, हमें डेटाबेस को क्लीन करने और इसे ज्यादा परफेक्ट बनाने की जरूरत है. उमाशंकर ने कहा कि कुछ डीएल और व्हीकल रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) सारथी और वाहन डेटाबेस पर 1960 और 70 के दशक, और 1980 और 90 के दशक से हो सकते हैं. पुराने डेटाबेस में मोबाइल और आधार नंबर नहीं है. हो सकता है सही पता भी न हो, इसका मतलब यह हुआ कि हमें कुछ ऐसे प्वाइंट के बारे में सोचने की जरूरत है जहां वाहन मालिकों या लाइसेंस होल्डर के लिए अपनी डिटेल अपडेट करना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि इससे सरकार को पता चल सकेगा कि किस व्यक्ति से और कहां संपर्क करना है. अगर किसी व्यक्ति का ई-चालान का जुर्माना समय पर नहीं चुकाया जाता है, तो उसका डीएल या आरसी को रद्द किया जा सकता है. साथ ही, उसका इंश्योरेंस भी महंगा हो सकता है.

