उत्तराखंड में है एक मंदिर –
यह मंदिर उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल नामक ब्लॉक में वाण नामक स्थान पर मौजूद है। राज्य में देवस्थल लाटू मंदिर के नाम से मशहूर इस स्थान पर लाटू देवता की पूजा की जाती है। यहां के स्थानीय लोगों के अनुसार लाटू देवता उत्तराखंड की नंदा देवी के धार्मिक भाई हैं। दिवाली और छठ पूजा के लिए रेलवे ने चलाई स्पेशल ट्रेनें, वेटिंग होगी कम, सीटें भी होंगी कंफर्म
साल में सिर्फ एक बार खुलते हैं मंदिर के दरवाजे –
मंदिर का दरवाजा साल में एक ही दिन बैसाख माह की पूर्णिमा को खुलता है। इस दिन पुजारी अपनी आंखों और मुंह पर पट्टी बांधकर मंदिर के दरवाजे खोलते हैं। भक्त दूर से ही भगवान के दर्शन करते हैं। मंदिर के दरवाजे खुलने के बाद विष्णु सहस्रनाम और भगवती चंडिका पाठ का आयोजन किया जाता है। भारत में इस जगह है ‘त्रेता युग’ की ऐसी झील, जहां कौवे ने गरुड़ को सुनाई थी रामायण की कहानी
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर ,उत्तराखंड
मंदिर में नागराज अपनी मणि के साथ –
स्थानीय लोगों का मानना है कि मंदिर में नागराज अपनी मणि के साथ रहते हैं, जिसे आम लोग नहीं देख सकते। नागराज का रूप देखकर पुजारी भी डर न जाएं इसलिए आंखों पर पट्टी बांधकर दरवाजा खोलते हैं और पूजा करते हैं। इतना ही नहीं, वे मुंह पर पट्टी भी बांधते हैं ताकि उनके मुंह की गंध देवता तक न पहुंचे और नागराज की जहरीली गंध पुजारी की नाक तक न पहुंचे। उत्तराखंड का ‘कलाप गांव’ जहां रहते हैं कौरव-पांडवों के वंशज, ऐसी दिलचस्प जगह पर जाने से आप खुद को नहीं रोक पाएंगे
कैसे पहुंचे लाटू देवता मंदिर –
यदि आप दिल्ली से यात्रा कर रहे हैं, तो चमोली की दूरी लगभग 465 किमी है। बस आपको ऋषिकेश से चमोली ले जाएगी। वहीं हवाई यात्रा के लिए दिल्ली से पंतनगर हवाई अड्डे तक यात्रा करने के बाद बस या टैक्सी द्वारा चमोली पहुंच सकते हैं। ट्रेन से हरिद्वार या ऋषिकेश रेलवे स्टेशन तक जाने के बाद बस से यात्रा करनी होती है। चमोली से 27 किमी दूर लाटू देवता का मंदिर है। आप स्थानीय मंदिरों के माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं।