
नासा ने भी इसकी पिक्चर सेटेलाइट से भेजी थी. 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ में 6 शाही स्नान तिथियां पड़ रही हैं, जिनमें से 5 तिथियां बीत चुकी हैं. अब आखिरी शाही स्नान की तिथि पर हर वो व्यक्ति प्रयागराज जाना चाहेगा जो अब तक यहां नहीं जा पाया.


लोगों में इतनी आस्था है कि वो लाख संघर्ष करके भी यहां पहुंचना चाह रहे हैं. भयंकर भीड़ के चलते इन दिनों प्रयागराज की यातायाज व्यवस्था से लेकर कई बुनियादी चीजों के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है. लेकिन फिर भी लोगों में जोश कम नहीं हो रहा. अब आखिरी शाही स्नान कब है ये भी जान लें.
महाकुंभ 2025 का आखिरी शाही स्नान
महाकुंभ में इस साल रिकॉर्ड तोड़ भीड़ अब तक हुए शाही स्नान के दिन प्रयागराज पहुंची. हालांकि मौनी अमावस्या के दिन भगदड़ के हालात भी पैदा हुए. लेकिन उसके बावजूद भी आखिरी शाही स्नान की तिथि का लोगों को बेसब्री से इंतजार है. पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी माघ पूर्णिमा के बाद अब अगला अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन किया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार ये तिथि 26 फरवरी को पड़ रही है. ये दिन महाकुंभ का आखिरी दिन भी होगा.
अगर संगम में स्नान न कर पाएं तो क्या करें ?
बसंत पंचमी के शाही स्नान के बाद से ही प्रयागराज में अखाड़ों का प्रस्थान शुरू हो चुका है. नागा साधु, कल्पवासी अब कुंभ क्षेत्र से जा चुके हैं. लेकिन फिर भी भीड़ कम नहीं हो रही है. आप अगर महाकुंभ के दौरान संगम में स्नान करने नहीं जा सकते तो आप आस्था की डुबकी अपने घर के पास की किसी भी पवित्र नदी में लगा सकते हैं. इसके अलावा आप अपने घर में नहाने के पानी में गंगाजल डालकर भी स्नान कर सकते हैं. मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन पवित्र नदी में या उसके जल से स्नान करने से सभी पाप धुल जाते हैं. इस स्नान से मन आत्मा शुद्ध होती है. ऐसी भी धार्मिक मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन स्नान करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. मनोकामनाएं पूरी होती हैं कुछ मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था लोक मान्यताओं पर आधारित हैं.प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड) इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
