कोरोना महामारी में ब्रिटिश फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में स्वीकार किया है कि उसकी कोविड 19 वैक्सीन में गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। भारत में एस्ट्राजेनेका कंपनी के फॉर्मुले पर बनी वैक्सीन कोविशील्ड है।एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के साइड इफेक्ट की बात करें तो इसे लेने के बाद कई लोगों में ब्लड क्लॉटिंग, हार्ट प्रॉब्लम और दूसरी गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। देश में करोड़ों लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई थी। अगर आप भूल चुके हैं कि कौन से वैक्सीन लगवाई है, तो परेशान होने के बजाए मिनटों में पता करें कि कौन सी वैक्सीन लगवाई है।

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वेबसाइट के जरिए ऐसे करें चेक

आप चाहें तो वेबसाइट के जरिए भी वैक्सीन का पता लगा सकते हैं। इसके लिए आपको selfregistration.cowin.gov.in पर जाकर अपना मोबाइल नंबर डालें। इसके बाद गेट ओटीपी पर क्लिक करें। ये ओटीपी आपके रजिस्टर्ड नंबर पर आएगी। अब लॉगिन डिटेल्स में ओटीपी सबमिट करें। ओटीपी दर्ज करते ही आपके सामने एक पेज खुलेगा, जिसमें सारी डिटेल्स होगी कि आपने कब कौन सी वैक्सीन लगवाई है।

इन ऐप के जरिए डाउनलोड कर सकते हैं सर्टिफिकेट

वेबसाइट के अलावा आरोग्य सेतु और डिजी लॉकर ऐप के जरिए भी चेक कर सकते हैं कि आपने कौन सी वैक्सीन लगवाई है। यहां से आप कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट भी डाउनलोड कर सकते हैं।

कोविशील्ड के अलावा लगी थी ये वैक्सीन

भारत में लोगों को कोलिशील्ड के अलावा रूस की वैक्सीन स्पुतनिक-V और को-वैक्सीन लगी थी। स्पुतनिक-V को रूस से अगस्त 2020 में इमरजेंसी सिचुएशमन में मंजूरी मिली थी। ये कोरोना के खिलाफ मंजूर किए जाने वाली पहली वैक्सीन है। वही भारत बायोटेक की को-वौक्सीन तीसरी वैक्सीन है। भारत में कोरोना की चौथी वैक्सीन मॉडर्ना है। इस वैक्सीन का नाम स्पाइकवैक्स है। इसके अलावा जायडस कैडिला की वैक्सीन भी भारत में दी जाती है। इसकी वैक्सीन का नाम ZyCoV-D है।


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