उत्तराखंड के नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण का लाभ प्रदेश के मूल निवासी को ही मिलेगा। सूत्रों के अनुसार, इस संबंध में विधानसभा द्वारा गठित प्रवर समिति बजट सत्र के दौरान स्पीकर ऋतु खंडूड़ी को रिपोर्ट सौंप सकती है।

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उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959) संशोधन विधेयक के परीक्षण के लिए गठित प्रवर समिति की सोमवार को विधानसभा स्थित सभा कक्ष में बैठक हुई। इसमें निकायों में ओबीसी आरक्षण को लेकर चर्चा की गई।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

गैरसैंण में मानसून सत्र में पेश उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959)में सुधार को लेकर समिति की ओर से कुछ संस्तुतियां दी गईं। इसके तहत भविष्य में निकाय चुनाव से पहले ओबीसी आरक्षण को लेकर होने वाले रैपिड सर्वे से पूर्व शहरी विकास विभाग इसके लिए नियमावली बनाएगा। नियमावली में उत्तराखंड के मूल निवासियों के हितों का ध्यान रखा जाएगा। मंगलवार से विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि संशोधन विधेयक को इस सत्र में विधानसभा के पटल पर रखा जा सकता है।

चूंकि संशोधन विधेयक दूसरी बार पटल पर रखा जाएगा, ऐसे में इस बार इसे पास कराना सरकार के लिए जरूरी होगा। प्रेमचंद अग्रवाल, अध्यक्ष, प्रवर समिति ने कहा, ‘नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए गठित प्रवर समिति की सोमवार को बैठक हुई। हालांकि निकाय चुनाव हो चुके हैं, पर समिति ने तय किया कि भविष्य में राज्य के मूल निवासियों का हित सुरक्षित रहने चाहिए। बैठक में इसी के अनुरूप निर्णय लिया गया।’


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