दिल्ली. हाल ही में आयोजित भारत-आसियान समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-आसियान पार्टनरशिप को मजबूत करने के लिए 10 प्वॉइंट प्लान की घोषणा की. इस प्लान में 2025 तक भारत-आसियान ट्रेड डील की समीक्षा की बात कही गई. भारत की ओर से ये 10 प्वॉइंट प्लान ऐसे समय में पेश किया गया है, जब आसियान रीजन में चीन अपना माल ठेले जा रहा है.

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प्लान को भारत के नजरिए से देखें तो इसका एक मुख्य वजह यह है कि ट्रेड बैलेंस धीरे-धीरे आसियान रीजन के पक्ष में हो रहा है. इसके साथ ही चीन से 10 आसियान (ASEAN) देशों में निवेश भी बढ़ रहा है. बता दें कि दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान में 10 देश- ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम शामिल हैं.

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह

साल 2009 में हुई थी भारत-आसियान ट्रेड डील
भारत-आसियान ट्रेड डील 2009 में यूपीए सरकार के दौरान हुआ था और सालों से आसियान भारत की इंडस्ट्री के लिए इनपुट मैटिरियल का सोर्स बन गया है. भारत को पाम ऑयल और नैचुरल गैस इंडोनेशिया और मलेशिया से मिलते हैं, वहीं नैचुरल रबर थाईलैंड से आता है.

तेजी से बढ़ रहा है ट्रेड डेफिसिट
चीनी प्रोडक्ट्स को इस रीजन के जरिए रीरुटेड किया जा रहा है. ऐसे में भारत की इंडस्ट्री ने आसियान से इंडस्ट्रियल इंपोर्ट के खिलाफ एंटी-सब्सिडी उपायों की मांग शुरू कर दी है ताकि भारत-आसियान ट्रेड डील के तहत फायदा हासिल किया जा सके. इसके अलावा कोरोना महामारी के बाद से दोनों रीजन के बीच ट्रेड डेफिसिट तेजी से बढ़ रहा है.

चीन की अगुवाई वाले RCEP ट्रेड डील में आसियान शामिल
आशंका जताई जा रही है कि आयात में एक नई बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि चीन की अगुवाई वाले रीजन कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) ट्रेड डील में आसियान शामिल हो गया है. चीन से बढ़ते आयात की आशंका से भारत ने 2019 में RCEP वार्ताओं से बाहर रहने का फैसला किया था. खास बात यह है कि चीन-आसियान ट्रेड में तेजी आ रही है और इस डील के लागू होने के बाद 2022 में बाइलैटरल ट्रेड में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

भारत-आसियान समिट में मोदी का 10 प्वॉइंट प्लान

  • साल 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाना, जिसके लिए भारत संयुक्त गतिविधियों के लिए 50 लाख डॉलर उपलब्ध कराएगा.
  • यूथ समिट, स्टार्ट-अप महोत्सव, हैकाथॉन, संगीत महोत्सव, आसियान-भारत थिंक टैंक नेटवर्क और दिल्ली डायलॉग सहित कई पीपल-सेंट्रिक गतिविधियों के जरिए एक्ट ईस्ट पॉलिसी के एक दशक का जश्न मनाएं.
  • आसियान-भारत साईंस और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट फंड के तहत आसियान-भारत महिला वैज्ञानिक कॉन्क्लेव आयोजित करना.
  • नालंदा विश्वविद्यालय में स्कॉलरशिप की संख्या को दोगुना करना. भारत में कृषि विश्वविद्यालयों में आसियान छात्रों के लिए नई स्कॉलरशिप का प्रोविजन करना.
  • साल 2025 तक आसियान-भारत ट्रेड डील की समीक्षा करना.
  • डिजास्टर रिजिलीअंस क्षमता को बढ़ाना, जिसके लिए भारत 50 लाख डॉलर उपलब्ध कराएगा.
  • हेल्थ रिजिलीअंस क्षमता के निर्माण की दिशा में एक नए हेल्थ मिनिस्टर्स के ट्रैक की शुरुआत करना.
  • आसियान-भारत साइबर पॉलिसी की एक रेगुलर मैकेनिज्म की शुरुआत करना डिजिटल और साइबर रिजिलीअंस मजबूत करने की दिशा में डायलॉग करना.
  • ग्रीन हाइड्रोजन पर वर्कशॉप का आयोजन करना.
  • जलवायु सुधार की दिशा में ‘मां के लिए पेड़ लगाओ अभियान’ में शामिल होने के लिए आसियान लीडर्स को न्योता देना.

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