
उत्तराखंड महिला आयोग ने विदेश में रहने वाले पति से परेशान महिलाओं का मामला सरकार के सामने उठाया। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और विदेश संपर्क विभाग के अधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे को प्रमुखता से रखा गया।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
इसके बाद महिला आयोग ने विदेश संपर्क विभाग के अधिकारियों से कुछ मामलों का विवरण भी साझा किया। महिला आयोग अध्यक्ष कुसुम कंडवाल के मुताबिक, इस बैठक में प्रमुखता से यह बात रखी गई थी कि आयोग के पास फिलहाल ऐसे कुल छह मामले हैं, जिनमें पति के विदेश में होने की वजह से सुनवाई नहीं हो पा रही।
वह कहतीं हैं कि महिला आयोग अभी तक इस तरह के मामलों में कोई कार्रवाई नहीं कर पा रहा था। न ही इन मामलों में सुनवाई हो पा रही थी। अब ऐसे छह मामलों में हम विदेश संपर्क विभाग के जरिए संबंधित दूतावास से नोटिस भेज रहे हैं। क्योंकि, कई मामलों में तो विदेश में रह रहे पति पत्नी को खर्चा तक नहीं भेज रहे हैं।
केस 1: ओमान में रहने वाले पति ने आठ माह से नहीं भेजा पैसा
देहरादून में एक गर्भवती महिला एक बच्चे के साथ रहती है। खाड़ी देश ओमान में रहने वाले उसके पति ने आठ माह से उसे खर्चा भेजना बंद कर दिया। आयोग ने ससुराल वालों को मध्यस्थता के लिए बुलाया, लेकिन ससुराल वालों का कहना है कि उनका बेटा उनसे भी दूरी बनाए हुए है।
केस 2:पति लंबे समय से नहीं कर रहा है बात
राजपुर रोड निवासी एक महिला बेटी के साथ रहती है। पति लंबे समय से उसे खर्च नहीं भेज रहा। आयोग के हस्तक्षेप से मुआवजे पर सहमति बनी। आयोग ने व्हाट्सऐप कॉल से महिला से बात भी कराई। लेकिन, अब वह कोई जवाब नहीं दे रहा है।
केस 3:पति के अन्य महिला के साथ रहने का शक
हरिद्वार की महिला ने आयोग में शिकायत दर्ज कराई कि उसके पति ने उससे संपर्क तोड़ दिया है। वह दो बच्चों के साथ रह रही है। पति मलेशिया की एक शिपिंग कंपनी में है। उसे शक है कि उसका पति किसी दूसरी महिला के साथ रहने लगा है।
