उत्तराखंड में दोपहिया वाहन चालक के साथ बैठने वालों को भी हेलमेट के नियम का पालन करना होगा। ऐसा नहीं करने पर सख्ती की जाएगी। सोमवार को सचिवालय में सड़क सुरक्षा कोष प्रबंधन समिति की समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने परिवहन विभाग को इस दिशा में तत्काल कार्रवाई को कहा।

Spread the love

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /प्रिंटिंग मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स /संपादक अवतार सिंह बिष्ट , रूद्रपुर, उत्तराखंड

उन्होंने चौपहिया वाहनों में सवार लोगों के लिए सीट बेल्ट के नियम को भी सख्ती से लागू करवाने के निर्देश दिए। बता दें कि दोपहिया पर पीछे बैठने वालों के लिए हेलमेट का नियम राज्य में 2016 से लागू है, पर इसे पूरी तरह लागू नहीं किया जा सका है। अब मुख्य सचिव ने इसको लेकर सख्ती बरतने के निर्देश दिए हैं।

मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड को जीरो एक्सीडेंट राज्य बनाने के विजन के साथ काम करें। सीमा क्षेत्र और सभी मुख्य मार्गों पर एनएपीआर कैमरों के साथ शहरों में ड्रोन से यातायात व्यवस्था की निगरानी की जाए। नियम तोड़ने पर चालान की कार्रवाई की जाए।

मुख्य सचिव ने हादसों में घायलों की सुरक्षा और त्वरित उपचार की सुविधा पर जोर दिया। साथ ही, वैज्ञानिक तरीके से गति सीमा के निर्धारण की कार्ययोजना जल्द तैयार करने के निर्देश दिए। इस दौरान डीजीपी अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी और वी. षणमुगम भी मौजूद रहे।

उत्तराखंड में सड़क हादसे
वर्ष –हादसे- मौत -घायल
2021- 1405- 820- 1091
2022 -1674 -1042 -1613
2023 -1691- 1054- 1488

हेलमेट का कानून वर्ष 2016 से लागू, लेकिन पालन ही नहीं होता
राज्य में दोपहिया वाहन चालक और उनके साथ बैठे व्यक्ति के लिए हेलमेट लगाना वर्ष 2016 से ही अनिवार्य है। लेकिन इसका पालन न के बराबर हो पा रहा है। इक्का दुक्का वाहन चालक ही स्वेच्छा से डबल हेलमेट का प्रयोग करते हैं। पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से डबल हेलमेट नियम का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई होती कभी नजर नहीं आई। कई सड़क हादसों में मौत की वजह हेलमेट न लगाना भी सामने आता रहा है।

सड़क सुरक्षा से जुड़े कई प्रस्ताव भी मंजूर किए गए
ट्रैफिक व्यवस्था आधुनिक बनाने के लिए मुख्य सचिव ने कई प्रस्तावों को मंजूरी दी। सभी जिलों में ड्रोन सेवाओं की व्यवस्था, ट्रैफिक सिग्नल को एएनपीआर तथा आरएलवीडी सिस्टम से जोड़ने के साथ हाईटेक राडार एवं डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड और डिस्प्ले बोर्ड लगाने के प्रस्ताव इसमें शामिल है। साथ ही, ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के लिए बॉडी वॉर्न कैमरा, एल्कोमीटर, ब्रीथ एनालाइजर, पोर्टेबल साउंड सिस्टम जैसे आधुनिक सिस्टम को लागू करने की वित्तीय एवं सैद्धान्तिक स्वीकृति भी दी गई। लोनिवि को वित्त वर्ष 2024-25 में सुरक्षात्मक कार्यों के तहत क्रश बैरियर का निर्माण, रोड डेलीनेटर और कैट आई, ब्लैक स्पॉट पर सुधारात्मक कार्य, पैराफिट और रोड मार्किंग को भी मंजूर किया गया।

यह निर्देश भी दिए गए
-यातायात नियमों का उल्लंघन रोकने के लिए फेसलेस चालान सिस्टम लागू किया जाए।
-ट्रैफिक सिग्नल को एएनपीआर तथा आरएलवीडी सिस्टम से जोड़ कर अपडेट करें। ड्रोन, हाईटेक मोटर बाइक, कैमरा और राडार स्पीड गन से नजर रखी जाए।
-शिक्षा विभाग हफ्ते में एक दिन बच्चों को सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक करेगा।


Spread the love