महामहिम राज्यपाल के पंतनगर दौरे का मधुवाटिका, गौरा देवी प्रशिक्षण केंद्र और देवकीनंदन अग्रवाल छात्र मनोरंजन केंद्र का लोकार्पण किया।

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महामहिम राज्यपाल के पंतनगर दौरा

महामहिम राज्यपाल सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह अपने एक दिवसीय दौरे पर पंतनगर विश्वविद्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने मधुवाटिका, गौरा देवी प्रशिक्षण केंद्र और देवकीनंदन अग्रवाल छात्र मनोरंजन केंद्र का लोकार्पण किया। उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से संवाद कर उनके उत्पादों और आत्मनिर्भरता पर चर्चा की।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

रतन सिंह सभागार में विद्यार्थियों और वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने पंतनगर विश्वविद्यालय की एशिया में प्रतिष्ठा और क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में सुधार पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने सेमीकंडक्टर क्रांति, स्मार्ट एग्रीकल्चर, ड्रोन टेक्नोलॉजी और जैविक खेती को बढ़ावा देने पर जोर दिया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा 10 करोड़ की चिप टू स्टार्टअप योजना के तहत प्राप्त इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन उपकरणों की सराहना की और इसे तकनीकी नवाचार की दिशा में मील का पत्थर बताया।

महामहिम ने उत्तराखंड की महिलाओं की आर्थिक आत्मनिर्भरता और स्वयं सहायता समूहों की भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि गौरा देवी प्रशिक्षण केंद्र महिला सशक्तिकरण का केंद्र बनेगा। इसके अलावा, मधुमक्खी पालन को वैज्ञानिक तरीकों से अपनाने और राज्य में शहद उत्पादन को दोगुना करने की योजना पर बल दिया।

उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहने और राष्ट्र सर्वोपरि की भावना से कार्य करने की प्रेरणा दी। महामहिम ने कृषि, विज्ञान और सामाजिक क्षेत्रों में योगदान देकर भारत को आत्मनिर्भर और विकसित राष्ट्र बनाने की अपील की। कार्यक्रम में कुलपति डॉ. मनमोहन सिंह चौहान सहित विश्वविद्यालय और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

  1. चिप टू स्टार्टअप योजना: पंतनगर विश्वविद्यालय द्वारा भारत सरकार की इस योजना के तहत 10 करोड़ रुपये के विश्वस्तरीय इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन उपकरण हासिल करना एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि है। इससे सेमीकंडक्टर क्रांति को बढ़ावा मिलेगा।
  • मधुमक्खी पालन और जैविक खेती: उत्तराखंड के किसानों और अर्धसैनिक बलों को मधुमक्खी पालन में प्रशिक्षित करने की पहल न केवल पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखेगी, बल्कि कृषि आय में वृद्धि करेगी। मधुमक्खी पालन को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़ना इसे हाईटेक बनाता है।
  • स्मार्ट एग्रीकल्चर और ड्रोन टेक्नोलॉजी: राज्यपाल ने स्मार्ट एग्रीकल्चर, ड्रोन टेक्नोलॉजी और जल संरक्षण जैसी उन्नत तकनीकों को अपनाने पर जोर दिया, जिससे कृषि क्षेत्र में क्रांति लाई जा सकती है।
  • वैश्विक अनुसंधान सहयोग: विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक देश-विदेश के प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ मिलकर शोध कर रहे हैं, जिससे विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय अनुसंधान के अवसर मिल रहे हैं।
  • क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में सुधार: विश्वविद्यालय की रैंकिंग 311 से 200-250 के मध्य आना इसकी उत्कृष्ट शोध और तकनीकी प्रगति को दर्शाता है।
  • तकनीकी नवाचार और आत्मनिर्भर भारत: राज्यपाल ने सेमीकंडक्टर क्रांति, जैविक खेती, जल संरक्षण और कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने की बात कही, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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