उत्तराखंड के कुमाऊं में महिलाओं के साथ अपहरण की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय बन गई हैं। बीते तीन साल के भीतर ढाई सौ से अधिक महिलाओं का कुमाऊं में अपहरण हुआ। नैनीताल और यूएसनगर में आबादी के हिसाब से सर्वाधिक अपहरण के मामले सामने आए।

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आंकड़ों की बात करें तो पहाड़ी इलाकों में महिलाएं ज्यादा सुरक्षित हैं।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

पुलिस विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक तीन साल के भीतर कुमाऊं के छह जिलों में 257 महिलाओं का अपहरण हुआ। फिरौती के लिए या अवैध उद्देश्यों के लिए इन महिलाओं का अपहरण किए जाने की परिवार वालों ने पुलिस को शिकायत की।

महिलाओं के साथ इस तरह की घटनाओं में आबादी के हिसाब से नैनीताल और ऊधमसिंह नगर जिले टॉप-2 पर हैं। पहाड़ी जिलों में 23 मामले सामने आए हैं। इनमें जबरन महिलाओं को बंधक बनाकर फिरौती मांगने के भी मामले हैं। वर्ष 2022 में 90, 2023 में 86 और 2024 में 81 के अपहरण के मामले आए।

यूएसनगर में फिरौती के लिए चार के हुए अपहरण

पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर यूएसनगर में चार ऐसे मामले आए जिनमें अपहरण का कारण फिरौती रहा। हालांकि, इसके अलावा कुमाऊं के किसी भी जिले में फिरौती के नाम पर अपहरण का मामला सामने नहीं आया है। अपहरण के बाद हत्या करने के भी दो मामले सिर्फ यूएसनगर में दर्ज हुए।

दहेज हत्या मामले

कुमाऊं में दहेज हत्या के मामलों में जरूर कुछ कमी आई। आंकड़ों के मुताबिक 2022 में कुमाऊं के जिलों में दहेज हत्या के 38 मामले सामने आए। इसके बाद 2023 में 23 तो वर्ष 2024 में 13 मामले दहेज हत्या के दर्ज हुए।


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