
दूसरी ओर, पाकिस्तान खुद चीन और उत्तर कोरिया की मदद से घातक मिसाइलें विकसित कर रहा है और अपने परमाणु हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है। इसके बावजूद, अब वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत को ऐसी अत्याधुनिक मिसाइलों के निर्माण से रोकने की अपील कर रहा है।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
पाकिस्तान के बलूचिस्तान थिंक टैंक के प्रोफेसर डॉ. जफर खान ने अपने लेख में बताया कि भारत अपनी पारंपरिक और परमाणु शक्ति का तेजी से आधुनिकीकरण कर रहा है। उन्होंने अमेरिका के एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत न केवल अपनी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा रहा है, बल्कि उसे और उन्नत भी बना रहा है। खान के अनुसार, विशेषज्ञों का मानना है कि भारत यह कदम अपनी प्रतिष्ठा बढ़ाने, शक्ति प्रदर्शन करने, प्रभुत्व स्थापित करने और युद्ध में विजय प्राप्त करने के उद्देश्य से उठा रहा है।
भारत की क्षमताओं से डरा पाकिस्तान
एक पाकिस्तानी प्रोफेसर ने कहा कि भारत अपनी रक्षा क्षमताओं को तेजी से विकसित कर रहा है। वह बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम, एक ही मिसाइल से कई परमाणु हथियार गिराने की क्षमता (MIRVs), पनडुब्बी से दागी जाने वाली मिसाइलों की श्रृंखला, सुपरसोनिक से हाइपरसोनिक बनाई जा रही ब्रह्मोस मिसाइल (जिसकी रेंज 1500 किमी तक बढ़ाने की योजना है), एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम और 15,000 किमी तक मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइलों के उत्पादन पर काम कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि इन मिसाइलों की बढ़ती मारक क्षमता चीन से भी आगे जा सकती है और ये दुनिया के कई हिस्सों तक पहुंचने में सक्षम होंगी।
डॉ. जावेद का कहना है कि भारत न केवल अपने परमाणु हथियारों की संख्या बढ़ा रहा है, बल्कि उन्हें दागने के लिए आवश्यक वारहेड्स की क्षमता भी तेज़ी से विकसित कर रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की नई अग्नि श्रेणी की मिसाइलें 10,000 किलोमीटर से अधिक दूरी तक मार करने में सक्षम हैं। डॉ. जावेद का मानना है कि भारत की यह बढ़ती शक्ति वैश्विक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती है।
हालांकि, पाकिस्तानी प्रोफेसर भारतीय मिसाइल कार्यक्रम को लेकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सतर्क कर रहे हैं, लेकिन वे चीन की बढ़ती परमाणु ताकत पर चुप्पी साधे हुए हैं। चीन वर्तमान में 1,500 परमाणु हथियारों और उनके लिए आवश्यक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइलों के निर्माण के मिशन पर काम कर रहा है।
वैश्विक शक्तियों से किया आग्रह
उन्होंने यह भी बताया कि ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात यह दर्शाती है कि अमेरिका किस तरह भारत को एफ-35 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए प्रेरित कर सकता है। डॉक्टर जावेद के अनुसार, भारत एफ-35 खरीदे या नहीं, लेकिन उसकी रक्षा क्षमता और सुरक्षा में निश्चित रूप से वृद्धि होगी, जिससे पाकिस्तान की सुरक्षा को गंभीर खतरा हो सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में बालाकोट जैसी घटना दोहराई जाती है, तो दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध छिड़ने की आशंका रहेगी। इसके साथ ही, उन्होंने वैश्विक शक्तियों से आग्रह किया कि वे भारत की सैन्य शक्ति में हो रही वृद्धि पर ध्यान दें और भारत-पाकिस्तान के बीच शक्ति संतुलन बनाए रखें ताकि इस्लामाबाद की स्थिति कमजोर न हो।
