सुपरटेक के अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए आईआरपी ने एनसीएलएटी में प्रस्ताव दे दिया है। आईआरपी का दावा है कि इन प्रस्तावों पर कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद वह अगले तीन वर्षों में करीब 20 हजार लोगों को घर दे सकेंगे।

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इसके लिए अतिरिक्त धनराशि भी नहीं ली जाएगी। ग्रुप की संपत्तियों को बेचकर अधूरे प्रोजेक्ट पूरे किए जाएंगे।

आईआरपी के पास सुपरटेक के अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने की जिम्मेदारी है। सुपरटेक कंपनी पर कोर्ट की ओर से नियुक्त आईआरपी हितेश गोयल ने ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि उन्होंने प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए अपने प्रस्ताव एनसीएलएटी में दाखिल कर दिए हैं और इन प्रस्तावों पर आपत्ति देने के लिए कोर्ट की ओर से दो सप्ताह का समय दिया गया है।

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /प्रिंटिंग मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स /संपादक अवतार सिंह बिष्ट , रूद्रपुर, उत्तराखंड

उन्होंने प्रस्ताव में कहा है कि वह लोगों पर बिना तिरिक्त बोझ डाले प्रोजेक्टे पूरे करेंगे। इसके लिए सुपरटेक ग्रुप की बिना बिकी संपत्तियों को बेचा जाएगा। इससे आने वाली रकम से वह निर्माण पूरा करने के साथ ही बैंकों का बकाया चुकाएंगे और प्राधिकरणों को भी कुछ भुगतान करेंगे। बुकिंग कराने वाले जिन लोगों पर कम बकाया है, उनसे भी धन लेकर प्रोजेक्टों में लगाया जाएगा। सात डेवलपर इन प्रोजेक्टों में धनराशि लगाने के लिए तैयार हैं। उनके प्रस्ताव को भी उन्होंने कोर्ट में दाखिल कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद अगले तीन सालों में वह 20 हजार से अधिक लोगों को उनका अपना घर सौंप देंगे। आईआरपी ने कहा कि सुपरटेक पर सबसे अधिक करीब 1500 करोड़ से अधिक का बकाया एलएंडटी का है और एलएंडीटी ने उनके प्रस्तावों पर अपनी सहमति दे दी है।

मेरठ के होटल-दुकानें और ग्रेनो का भूखंड बेचेंगे

आईआरपी ने बताया कि मेरठ में शॉप्रिक्स मॉल में कुछ दुकानें, होटल कंट्री इन और हाईफन का सौंदर्यीकरण बेचा जाएगा। इससे करीब 200 करोड़ से अधिक रुपये मिलने की उम्मीद है। ग्रेटर नोएडा में स्पोर्ट्स विलेज का खाली भूखंड बेचने का प्रस्ताव है। इससे 100 करोड़ से अधिक रुपये मिलेंगे।

नोएडा प्राधिकरण ने आईआरपी का प्रस्ताव ठुकराया

आईआरपी ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण में प्रस्ताव दिया गया था कि वह उनके बकाया राशि पर लगे ब्याज को माफ कर दें और मूल रकम उनसे ले लें, जिसे प्रति यूनिट के हिसाब से बांट दिया जाए। आईआरपी हितेश गोयल ने बताया कि उनके इस प्रस्ताव पर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जवाब नहीं दिया है, जबकि नोएडा प्राधिकरण ने उनके इस प्रस्ताव को ठुकरा करते हुए कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दी है। प्राधिकरण ने कहा है कि वह उनका ब्याज माफ नहीं करेंगे। जब तक उनका बकाया पैसा नहीं मिलता, तब तक वह किसी प्रोजेक्ट की ओसी जारी नहीं करेगा।

यमुना प्राधिकरण को 80 करोड़ से अधिक मिलेंगे

आईआरपी की ओर से दिए गए प्रस्ताव पर यमुना प्राधिकरण ने अपनी सहमति दे दी है। आईआरपी के अनुसार यमुना प्राधिकरण यूनिट बाई यूनिट बकाया लेकर रजिस्ट्री कराने के लिए तैयार है। इससे यमुना प्राधिकरण को एक साल में ही 80 करोड़ से अधिक का बकाया मिल जाएगा और लोगों के घरों की रजिस्ट्री भी हो जाएंगी।

ये प्रोजेक्ट पूरे होंगे

●ईको विलेज-1 और 3 (नोएडा)

●नॉर्थ आई, (नोएडा)

●केपटाउन (नोएडा)

●अपकंट्री (ग्रेटर नोएडा)

●स्पोर्ट्स विलेज (ग्रेटर नोएडा)

●रोमानो (नोएडा)

●ग्रीन विलेज (मेरठ)

●मेरठ स्पोर्ट्स सिटी (मेरठ)

●दून स्कवायर (देहरादून)

●रिवर क्रस्ट (रुद्रपुर)

●अरावली (गुरुग्राम)

●हिल टाउन (गुरुग्राम)

●मिकासा (बेंगलुरु)


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