उत्तराखंड आंदोलन के महानायक: काशी सिंह एरी का अविस्मरणीय योगदान

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काशी सिंह एरी उत्तराखंड राज्य आंदोलन के एक महत्वपूर्ण नेता और प्रेरणास्रोत थे। उन्होंने उत्तराखंड की अलग राज्य की मांग को मजबूती से उठाया और पूरे आंदोलन को एक संगठित दिशा दी। उनका संघर्ष, नेतृत्व और योगदान उत्तराखंड के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।

काशी सिंह एरी का उत्तराखंड राज्य आंदोलन में योगदान:

1. उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) की स्थापना और नेतृत्व

काशी सिंह एरी उत्तराखंड क्रांति दल (UKD) के प्रमुख नेताओं में से एक थे। यह दल उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने की मांग के साथ आगे बढ़ा। उनके नेतृत्व में यह दल पहाड़ की जनता की आवाज बना।

2. जन-जागरण अभियान

उन्होंने उत्तराखंड के कोने-कोने में जाकर अलग राज्य की जरूरत को लोगों तक पहुंचाया। गांव-गांव में जाकर उन्होंने लोगों को संगठित किया और राज्य आंदोलन को ताकत दी।

3. अहिंसक और लोकतांत्रिक आंदोलन को बढ़ावा

काशी सिंह एरी ने हमेशा अहिंसक और लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने छात्रों, युवाओं और महिलाओं को आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।

4. गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने की मांग

उन्होंने हमेशा गैरसैंण को उत्तराखंड की राजधानी बनाने की वकालत की। उनका मानना था कि गैरसैंण ही भौगोलिक और सांस्कृतिक रूप से राज्य की राजधानी बनने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है।

5. उत्तराखंड के हितों के लिए सतत संघर्ष

राज्य बनने के बाद भी उन्होंने उत्तराखंड की समस्याओं, जैसे पलायन, बेरोजगारी और विकास के असंतुलन को दूर करने के लिए संघर्ष जारी रखा।

निष्कर्ष:

काशी सिंह एरी केवल एक नेता ही नहीं, बल्कि उत्तराखंड आंदोलन की आत्मा थे। उनका योगदान उत्तराखंड राज्य के गठन में अमूल्य था। वे न सिर्फ एक महान आंदोलनकारी थे, बल्कि पहाड़ के हक और सम्मान की लड़ाई लड़ने वाले सच्चे योद्धा भी थे।


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