खटीमा शिव शंकर भाटिया। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों ने शासन प्रशासन की ओर से जारी किए जाने वाले शासनादेश की जानकारी नहीं पहुंचने के संबंध में एसडीएम और तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने बताया कि इस कारण उन्हें पेंशन प्राप्त करने में अनेक दिक्कतें होती हैं।

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खटीमा, राज्य आंदोलनकारी,शिव शंकर भाटिया की अध्यक्षता में राज्य आंदोलनकारीयो ने, एसडीएम और तहसीलदार से निवेदन करते हुए संबंधित सूचनाओं को पटवारी के माध्यम से आंदोलनकारियों तक पहुंचाई जाए, ताकि सभी आंदोलनकारियों को समय से इसकी जानकारी प्राप्त हो सके। अवगत कराते हुए की खटीमा से 52 राज्य आंदोलनकारी ,किच्छा से छह राज्य आंदोलनकारी, वही रुद्रपुर से छह राज्य आंदोलनकारी की पेंशन विभिन्न मदों से रोक दी गई है। राज्य आंदोलनकारी तहसील व जिला अधिकारी कार्यालय के चक्कर काटने पर मजबूर हैं। खटीमा में राज्य आंदोलनकारी ने बैठक कर जिन राज्य आंदोलनकारी की पेंशन रुकी है तुरंत लागू करने सिफारिश की है। हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार जिन राज्य आंदोलनकारी ने विभिन्न माध्यमों से सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त की या फिर अन्य माध्यम से पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। इसके अलावा कागजों में त्रुटिवश गलतियां होने के कारण भी पेंशन रोकी गई है। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित कुशाल सिंह कन्याल, पूरन बिष्ट, जानकी कन्याल, हरीश चंद्र मथेला, बहादुर रावत, चंपा जोशी आदि थे।

उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की हुई बैठक

खटीमा। तहसील सभागार में उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों की ओर से एक सितंबर को आयोजित होने वाली श्रद्धांजलि सभा को लेकर बैठक का आयोजन हुआ। इसमें कई बिंदुओं पर सहमति बनी। 31 अगस्त को शाम छह बजे शहीद स्मारक पर महिला आंदोलनकारियों की ओर से दीप प्रज्ज्वलन कर भजन संध्या की जाएगी। शहीदों की प्रतिमा के अनावरण के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को आमंत्रण पत्र भेजा जाएगा। बैठक के मुख्य अतिथि तहसीलदार हिमांशु जोशी रहे। बैठक की अध्यक्षता शिव शंकर भाटिया और संचालन अमित कुमार पांडेय ने किया। वहां मंडी समिति अध्यक्ष नंदन सिंह खड़ायत, प्रकाश तिवारी, भैरव दत्त पांडेय, भूपेंद्र भंडारी जानकी गोस्वामी, विमला मुंडेला, नानक सिंह, किशन सिंह बिष्ट आदि थे।


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