उत्तराखंड राज्य की परिकल्पना को पलीता लगाता झील विकास प्राधिकरण, पलायन को मजबूर हैं,उत्तराखंड के मूल निवासी, बाहरी व्यक्तियों के द्वारा अवैध निर्माण का प्राधिकरण की मिली भगत के चलते खुला समर्थन,Buro chief Uttrakhand
Dr Vikram Singh Mahori 

जितेंद्र सिंह चनौतिया (अध्यक्ष)
नौकुचियाताल बोट एसोसिएशन  , सीनियर कैमरामैन
कमल पलड़िया

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Buro chief Uttrakhand
Dr Vikram Singh Mahori 

  सहयोगी कैमरामैन
कमल पलड़िया

मुख्यमंत्रियों की अनदेखी और अफसरशाही की भेंट चढ़ रही हजारों जिंदगियां

Buro chief Uttrakhand
Dr Vikram Singh Mahori 

सहयोगी कैमरामैन
कमल पलड़िया

नैनीताल
प्रसिद्ध पर्यटक स्थल नौकुचियाताल एवं आसपास के क्षेत्र के लिए झील विकसित विकास प्राधिकरण फांसी का फंदा बन चुका है। इस कारण परिवार टूट रहे हैं और लोग पलायन को मजबूर हो रहे हैं।

Buro chief Uttrakhand
Dr Vikram Singh Mahori

जितेंद्र सिंह चनौतिया (अध्यक्ष)
नौकुचियाताल बोट एसोसिएशन , सीनियर कैमरामैन
कमल पलड़िया

झील प्राधिकरण की कमजोरी कार्य प्रणाली और नियमों की शिथिलता के फंदे ने नौकुचियाताल क्षेत्र के स्थानीय लोगों का जीना दूभर कर दिया है। इसका कारण ग्रामीण अपनी ही पुश्तैनी भूमि पर नया घर बनाना तो दूर पुराने मकान की मरम्मत तक नहीं कर पा रहे हैं। मास्टर प्लान के नाम पर मूल निवासियों का शोषण हो रहा है और क्षेत्र के मूल बाशिंदों को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी सर्टिफिकेट) के लिए सरकारी विभागों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं तो दूसरी ओर बाहरी व्यक्तियों के अवैध निर्माण को खुला संरक्षण दिया जा रहा है। इस कारण भीमताल विधानसभा की एक बड़ी जनसंख्या के सम्मुख जीवन यापन एवं रोजगार का बड़ा गहरा संकट खड़ा हो गया है। मूल निवासियों के प्रति सरकार और प्रशासन की उदासीनता से स्थानीय लोगों में गहरी निराशा व रोष व्याप्त हैं। दो दो मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी वर्षों से स्थानीय लोग अपने मूल अधिकारों से वंचित हैं जिससे देश एवं प्रदेश के सामने गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं।

Buro chief Uttrakhand
Dr Vikram Singh Mahori 

  सहयोगी कैमरामैन
कमल पलड़िया

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