फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा: पंजाब के युवक के पासपोर्ट और वीज़ा पर बिलासपुर निवासी कनाडा पहुँच गया, 20 लाख में हुआ सौदा

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पंजाब के फिरोज़पुर जिले के रहने वाले ताजिंदर सिंह के पासपोर्ट और वीज़ा का इस्तेमाल कर एक बड़ा इमीग्रेशन फर्जीवाड़ा सामने आया है। मामले में न सिर्फ दो अलग-अलग व्यक्तियों की पहचान का इस्तेमाल हुआ, बल्कि लाखों रुपये की दलाली और सौदेबाज़ी भी उजागर हुई है।

नंबर-1 कॉलम (वास्तविक पासपोर्ट धारक की जानकारी)

  • नाम: ताजिंदर सिंह
  • जन्म तिथि: 04/10/2004
  • पासपोर्ट संख्या: 7234737
  • पता: विला – कमाल वाला प्लॉट, मल्लारला, ज़िरा, फिरोज़पुर, तहसील ज़िरा, जिला फिरोज़पुर, पंजाब
  • फ़ोन: 628316073
  • वीज़ा अप्लिकेशन नंबर: E741734153
  • वीज़ा जारी करने की तारीख: 09/02/2024
  • वीज़ा वैधता: 31/12/2026
  • वीज़ा नंबर: H090842566
  • विशेष विवरण: ताजिंदर सिंह के पास ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स हैं और उनके पासपोर्ट पर कनाडा का वीज़ा भी वैध रूप से लगा हुआ था।

नंबर-2 कॉलम (फर्जी यात्री की जानकारी)

  • नाम: गुरफिंदर सिंह
  • पता: भोलापुर, बिलासपुर, रामपुर जिला (संभावित तौर पर उत्तर प्रदेश)
  • फ़ोन नंबर: 805771000
  • दलालों के नाम और संपर्क:
    • दलविंदर सिंह
    • कर्मनदीप औलख – 9837973003, 9670403003
    • आज्ञापाल सिंह – 8146393122
  • एजेंसियों के नाम:
    • MOVE OVERSEAS
    • CAPART OVERSEAS (प्रथम तल, आशीर्वाद कॉम्प्लेक्स, काशीपुर बाईपास, रुद्रपुर)

घटना का विवरण:

सूत्रों के अनुसार, गुरफिंदर सिंह नामक व्यक्ति, जो बिलासपुर, रामपुर का निवासी है, ने दलालों की मदद से ताजिंदर सिंह के पासपोर्ट (संख्या 7234737) और उस पर लगे कनाडा के वैध वीज़ा का उपयोग कर कनाडा की यात्रा कर ली। बताया जा रहा है कि इस फर्जीवाड़े के लिए करीब 20 लाख रुपये की रकम दलालों ने वसूली।

जब असली पासपोर्ट धारक ताजिंदर सिंह को यह जानकारी हुई कि उसी के दस्तावेज़ों पर कोई और कनाडा पहुँच गया है, तो उसे भी चुप कराने के लिए लगभग 10 लाख रुपये में मामला “सेट” करने का सौदा किया गया।

इस पूरे नेटवर्क में MOVE OVERSEAS और CAPART OVERSEAS जैसी इमीग्रेशन एजेंसियों के नाम भी सामने आए हैं, जिनका कार्यालय रुद्रपुर के काशीपुर बाईपास पर आशीर्वाद कॉम्प्लेक्स की प्रथम मंजिल पर स्थित बताया गया है।

इस मामले ने न सिर्फ पंजाब बल्कि देशभर में पासपोर्ट और वीज़ा फर्जीवाड़ों पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और इमीग्रेशन विभाग से इस मामले की गंभीरता से जांच की माँग की जा रही है।



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