2024 के लोकसभा चुनाव में अब 1 साल से कम समय बचा है। ऐसे में केंद्र की मोदी सरकार , वोटर्स को खुश करने के कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती है। लेकिन बढ़ती महंगाई सरकार के लिए चिंता का सबब उत्तराखंड के सांसद फोटो खींचने में मशगुल। Hindustan Global Times

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उत्तराखंड के सांसद फोटो खिंचवाने में है मशहूर। आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा या फिर किसी भी तरह की कोई राहत माननीय सांसदों के द्वारा नहीं की जा रही है। महंगाई अपने चरम पर है टमाटर, प्याज ,आलू, यहां लौकी भी ₹40 किलो बिक रही है, दालों के आसमान छूते भाव, वहीं नैनीताल लोकसभा के सांसद अजय भट्ट बंगाली राजनीतिक करने में व्यस्त हैं। पहाड़ का जनमानस अपने को असहाय महसूस कर रहा है। इस बार लोकसभा में मोदी का जादू उत्तराखंड में चल पाएगा या नहीं अभी के हालात देखकर नहीं लगता। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी संभाले हुए हैं पूरे प्रदेश का भार, । उधर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चिंता २०२४ के चुनाव को लेकर है महंगाई कैसे कम की जाएगी/तो जाने क्या है प्लान हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स कि यह रिपोर्ट

१५अगस्त को लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए कदम उठाने का भरोसा दिया था. माना जा रहा है कि पीएम मोदी आने वाले दिनों में इस दिशा में कुछ बड़े फैसले ले सकते हैं.

पेट्रोल-डीजल पर टैक्स कटौती संभव

मोदी सरकार आम लोगों को राहत दिलाने के लिए पेट्रोल डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में कटौती का ऐलान कर सकती है. केंद्र सरकार फिलहाल पेट्रोल पर 19.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है. पेट्रोल पर टैक्स घटाने से लोगों के लिए ईंधन गाड़ी में डलवाना सस्ता होगा तो डीजल पर टैक्स घटाने से महंगाई कम करने में मदद मिलेगी क्योंकि माल ढुलाई की लागत कम होगी.

गेहूं – खाने के तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती संभव

सरकार विदेशों खासतौर से रूस से गेहूं इंपोर्ट करने पर विचार कर रही है. फिलहाल गेहूं के इंपोर्ट पर 40 फीसदी ड्यूटी का प्रावधान है. मोदी सरकार इसे शून्य कर सकती है जिससे घरेलू बाजार गेहूं की सप्लाई बढ़ाकर उसे सस्ता कर आम लोगों को महंगाई से राहत दिलाई जा सके. एडिबल ऑयल यानि खाने के तेल पर भी इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती के आसार हैं.

ऐसे करेगी सरकार भरपाई

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोल डीजल और खाद्य वस्तुओं पर लगने वाले टैक्स कटौती से सरकार के राजस्व में जो एक लाख करोड़ रुपये की कमी आएगी वो सरकार अलग अलग मंत्रालयों के बजट में कटौती के जरिए पूरा करने पर विचार कर रही है जिससे राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करने में कोई दिक्कत ना आए.

महंगाई ने बढ़ाई चिंता

दरअसल जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर 7.44 फीसदी के लेवल पर जा पहुंची है जो 15 महीने का उच्च लेवल है. वहीं खाद्य महंगाई दर 11.51 फीसदी रही है जो बताने के लिए काफी है कि आम आदमी किस कदम महंगाई से परेशान है. ऐसे में चुनावी साल को देखते हुए मोदी सरकार आम लोगों को महंगाई से राहत दिलाने के लिए बड़े फैसले ले सकती है/


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