पहली बार आयोग ने यह शुरुआत की है।
वार्ड या निकाय अध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को इस बार शपथ पत्र पर अपना आपराधिक ब्योरा भी देना होगा। उस प्रत्याशी के खिलाफ किस थाने में किन धाराओं में कितने मुकदमे दर्ज हैं, इसकी सूचना जिलाधिकारी को देनी होगी। जिलाधिकारी के स्तर से सभी ऐसे प्रत्याशियों का यह ब्योरा किसी प्रचार के माध्यम जैसे वेबसाइट आदि पर जारी करनी है।
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जनता के बीच इसकी सूचना अखबारों के माध्यम से दी जाएगी ताकि मतदाता अपने प्रत्याशी का आपराधिक रिकॉर्ड उस वेबसाइट पर देख सकें। राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने बताया कि निकायों में आपराधिक प्रवृत्ति को कम करने, मतदाताओं के बीच उसकी जानकारी देने के मकसद से यह बदलाव किया गया है।