महिला कांग्रेस ने की सदस्यता अभियान की शुरुआत, लॉच की वेबसाइट महिला कांग्रेस संगठन की नई वेबसाइट पर महिलाओं को अपनी बात रखने का मिलेगा मंचमहिला कांग्रेस संगठन की नई वेबसाइट पर महिलाओं को अपनी बात रखने का मिलेगा मंच

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-महिला कांग्रेस संगठन की नई वेबसाइट पर महिलाओं को अपनी बात रखने का मिलेगा मंच

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

देहरादून, 15 सितंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के 40वें स्थापना दिवस पर उत्तराखंड महिला कांग्रेस ने रविवार को प्रदेश भर में सदस्यता अभियान की शुरूआत की और नारी न्याय का संकल्प दोहराया।

साथ ही महिला कांग्रेस सदस्य बनने के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए वेबसाइट लांच की है।

प्रदेश मुख्यालय राजीव भवन पर उत्तराखंड महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने महिला सशक्तिकरण के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि महिला कांग्रेस महिलाओं के अधिकारों की रक्षा व उनके सशक्तिकरण के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में महिलाओं को सदस्यता अभियान से जुड़ने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों के साथ ब्लॉक और बूथ स्तर पर सदस्यता अभियान चलेगा। प्रदेश भर में करीब 10 लाख महिलाओं को संगठन से जोड़ने का लक्ष्य है। महिला कांग्रेस का सदस्यता अभियान पूरी तरह से ऑनलाइन होगा। इसमें हर वर्ग की महिलाएं पांच वर्ष तक के लिए महिला कांग्रेस की सदस्य बन सकती हैं। सदस्यता के लिए 100 रुपये की ऑनलाइन फीस जमा करनी होगी। इसके बाद सदस्य को ऑनलाइन सदस्यता सर्टिफिकेट प्राप्त होगा।

महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने बताया कि सदस्यता अभियान के प्रचार-प्रसार के लिए पोस्टर, पंपलेट, बैनर, सोशल मीडिया जैसे साधनों का भरपूर इस्तेमाल किया जाएगा। महिला कांग्रेस संगठन की नई वेबसाइट पर महिलाओं को अपनी बात रखने का मंच मिलेगा। साथ ही संगठन की गतिविधियों और योजनाओं की जानकारी भी उपलब्ध होगी। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, प्रदेश सह प्रभारी सुरेंद्र शर्मा, पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, प्रदेश महिला उपाध्यक्ष नजमा खान, आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा आदि उपस्थित थे।

महिला कांग्रेस का उद्देश्य

बता दें कि महिला कांग्रेस की स्थापना 30 अप्रैल 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी ने की थी। महिला कांग्रेस का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को देश की राजनीति में शामिल कर देश के विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के साथ उनकी आवाज को सुनने का अवसर प्रदान करना है। महिलाओं के राजनीति और सामाजिक क्षेत्र में सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है, ताकि भारत में महिलाएं राजनीतिक और सामाजिक रूप से सशक्त बन सकें।


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