जनपद ऊधम सिंह नगर के आदर्श कॉलौनी पुलिस चौकी इंचार्ज संदीप पिल्खवाल  के बचाव में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्र को ज्ञापन l प्रतिनिधि मंडल  में मुख्य रूप से शैल परिषद के अध्यक्ष जी एस पटवाल , किच्छा मंडी परिषद के अध्यक्ष कमलेन्द्र सेमवाल, कुंवर सिंह नेगी, दिनेश बम,बबलू भट्ट, अनिल खत्री, सतीश ध्यानी, गणेश रावल……. क्रमश

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हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,

के के मिश्रा,
सतीश लोहनी ,
एल डी जोशी ,
धीरज गोस्वामी ,
भोपाल सिंह रावत ,
राकेश चंद्रा ,
हरेंद्र बिष्ट ,
हयात सिंह बिष्ट,आदि उपस्थित थे।

वाहन चेकिंग के दौरान युवक से की थी अभद्रता:दरअसल, 18 सितंबर की रात को वाहन चेकिंग के दौरान रुद्रपुर के आदर्श कॉलोनी चौकी इंचार्ज संदीप पिलख्वाल पर एक युवक के साथ अभद्रता करने का आरोप लगा था. जिसका वीडियो भी सामने आया था. इस घटना के बाद सिख समुदाय और व्यापार मंडल के लोगों में भारी आक्रोश भर गया था.

पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष मंडी समिति अध्यक्ष किच्छा  कमलेंद्र सेमवाल ने (एसएसपी) वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा को अवगत कराया कि कुमाऊं मण्डल के तराई क्षेत्र में वर्षों से सभी जाति धर्म के लोग परस्पर सौहार्द के साथ रहते आये है और एक दूसरे की धार्मिक आस्था का सम्मान करते रहे हैं। बताया कि सीमावर्ती इलाकों से कुछ अराजक तत्व अक्सर उत्तराखंड में आकर संदिग्ध गतिविधियों को अंजाम देने का प्रयास करते हैं लेकिन उत्तराखंड पुलिस की मुस्तैदी के चलते वे अपने इरादों को अंजाम देने में सफल नहीं हो पाते हैं। पर्वतीय समाज के लोगों ने कतिपय शरारती तत्वों के जाल से बचने और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारियों/कर्मचारियों के मनोबल को बनाये रखने की मांग वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से की।

आज इसी संदर्भ में पार्वतीय समाज का एक सिस्ट मंडल वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा से मिला, सिख युवक के मामले को धार्मिक रंग देना गलत, पुलिस के मनोबल को तोड़ने जैसा, सिख युवक के मामले को लेकर  बबलू भट्ट जो की छतरपुर निवासी पुलिस विभाग से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति हैं। बयान जारी कर कहा कि थाना प्रभारी संदीप पिलखवाल जिन पर आरोप है कि उन्होंने एक सिख युवा से बतमीजी की मार पीट की जबकि 3 सवारी दो पहिया वाहन up नंबर बिना कागज के उत्त्तराखण्ड up बॉर्डर में निडर चल रहे थे। अब बात आती है कि संदीप जी को उसी जिले में पुरस्कारों से नबाजा जाता है उनकी बहादुरी के लिए क्योंकि उन्होंने कुख्यात खनन माफियाओ पर आपना शिकंजा कसा इससे साफ होता है कि कही ये कोई साजिश तो नही, एक कर्तब्य निष्ठावान अधिकारी के मनोबल को गिराने की और पुलिस प्रशाशन की एक बड़ी कमजोरी है कि इनके बड़े अधिकारी नेताओ के साहू कार बने रहते हैं। राजनीतिक दबाव के चलते आपने कर्तब्य को भुलते हुए एक ईमानदार अधिकारी के मनोबल को गिराया जाता है। ये विषय जांच का है। वर्ना एक अधिकारी को उसके ड्यूटी की ईमानदारी की ये सजा मिलेगी तो हजारों पुलिस बल का मनोबल घटेगा। Uttarakhand Police संज्ञान ले ।


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