मेट्रोपोलिस,ओमेक्स, सिडकुल चौक,रुद्रपुर उधम सिंह नगर, उत्तराखंड व पूरे भारतवर्ष में गणेश महोत्सव की धूम, अगर आप भी गणेश जी की फुल कृपा चाहते हैं,अपने राशि के अनुसार गणेश जी की करें स्थापना, अपनी राशि के अनुसार बैठाएं भगवान गणेश, हर परेशानी होगी दूर, नौकरी और व्यापार में मिलेगी उन्नति Ganesh Utsav 2023: गणेश उत्सव 19 सितंबर 2023 ,10 दिनों तक घर घर में गणेशजी विराजमान रहेंगे। इस दौरान प्रतिदिन सुबह और शाम को उनकी पूजा और आरती होगी। आरती के बाद और गणेश विसर्जन के समय सभी भक्तजन नारे लगाते हैं गणपति बप्पा मोरिया, मोरिया रे मोरिया.सनातन धर्म में भगवान गणेश को सभी देवी देवताओं में सबसे पहले पूजा जाता है. उनकी आराधना करने और आशीर्वाद पाने के लिए गणेश उत्सव सबसे अच्छा पर्व माना जाता है. अपने आराध्य की भी करें पूजा, हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स चीफ एडिटर अवतार सिंह बिष्ट

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19 सितंबर 2023 दिन मंगलवार को श्री गणेश चतुर्थी पर्व मनाया जाएगा। प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश को विद्या, बुद्धि देवता, विघ्न हर्ता, मंगलकारी, रक्षा कारक, सिद्धि दायक, समृद्धि, शक्ति और सम्मान देने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी पर्व का विशेष महत्व है। 10 दिनों तक चलने वाले विशेष पर्व के दौरान बप्पा अपने भक्तों के घरों में विराजते हैं। गणेशोत्सव भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी से शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ इस विशेष पर्व का समापन होता है।
इस वर्ष 19 सितंबर 2023 मंगलवार से गणेशोत्सव का आरंभ होगा तथा 28 सितंबर 2023 अनंत चतुर्दशी को भगवान गणेशजी की मूर्ति का विधि पूर्वक विसर्जन किया जाएगा।
इस वर्ष गणेश महोत्सव पर कुछ विशेष योग बनने जा रहे हैं ब्रह्म, शुक्ल, शुभ योग तथा स्वाति नक्षत्र होने से श्री सिद्धिविनायक चतुर्थी और भी विशेष फल प्रदान करेगी।
शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी 18 सितंबर 2023 अपराह्न 12:41 से 19 सितंबर 2023 अपराह्न 1:45 तक।
अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11:50 से 12:39 तक।
गणेश स्थापना का शुभ समय 19 सितंबर प्रातः11:01 से अपराह्न 1:28 तक।
गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन को लेकर पौराणिक मत है जिसके अनुसार इस चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था। इस कारण ही चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को निषेध माना गया।
पूजा विधि व भोग
अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च
श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।।
ब्रह्म मुहूर्त में जागकर व नित्य कर्म निवृत्त होकर स्नानादि करने के उपरांत लाल वस्त्र धारण करें। मंदिर को गंगाजल से पवित्र कीजिए। भगवान गणपति का स्मरण करें। कलश में जल भरें और इसमें सुपारी डालकर कलश को कपड़े से बांध दें।
इसके बाद एक चौकी स्थापित करें और उस पर लाल वस्त्र बिछा दें। (केवल मिट्टी से बने हुए भगवान श्री गणेश को स्थापित करें)
स्थापना करने से पहले भगवान गणेश को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर गंगा जल से भगवान गणेश की मूर्ति को स्नान कराकर चौकी पर स्थापित करें। भगवान गणेश के साथ चौकी पर दो सुपारी (रिद्धि और सिद्धि माता के रूप में) स्थापित करें।
स्थापना के बाद अखंड ज्योति जलाएं। भगवान गणेश को रोली, कुमकुम, अक्षत, पुष्प अर्पित करें। फल, फूल, आदि अर्पित करें और फूल से जल अर्पित करें। भगवान गणेश को 108 दूर्वा अवश्य अर्पित करें। गजानन महाराज को चांदी के वर्क लगायें। उसके उपरांत पूजा में लाल रंग के फूल, जनेऊ, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, और भोग अर्पित करें। 21 मोदक का भोग लगाएं, लड्डू चड़ाए।
घी के दीपक से आरती करें। भगवान गणेश के मंत्रों का जप करें।
1- ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
2- गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:।।
3- ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।।
4- ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।।
( दायीं ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी सिद्धिविनायक कहलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन से हर कार्य सिद्ध हो जाता है। किसी भी विशेष कार्य के लिए कहीं जाते समय यदि इनके दर्शन करें तो वह कार्य सफल होता है व शुभ फल प्राप्त होता है।)

19 सितंबर 2023 दिन मंगलवार को श्री गणेश चतुर्थी पर्व मनाया जाएगा। प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश को विद्या, बुद्धि देवता, विघ्न हर्ता, मंगलकारी, रक्षा कारक, सिद्धि दायक, समृद्धि, शक्ति और सम्मान देने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है।
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा
हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी पर्व का विशेष महत्व है। 10 दिनों तक चलने वाले विशेष पर्व के दौरान बप्पा अपने भक्तों के घरों में विराजते हैं। गणेशोत्सव भाद्रपद की शुक्ल चतुर्थी से शुरू होता है और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश विसर्जन के साथ इस विशेष पर्व का समापन होता है।
इस वर्ष 19 सितंबर 2023 मंगलवार से गणेशोत्सव का आरंभ होगा तथा 28 सितंबर 2023 अनंत चतुर्दशी को भगवान गणेशजी की मूर्ति का विधि पूर्वक विसर्जन किया जाएगा।
इस वर्ष गणेश महोत्सव पर कुछ विशेष योग बनने जा रहे हैं ब्रह्म, शुक्ल, शुभ योग तथा स्वाति नक्षत्र होने से श्री सिद्धिविनायक चतुर्थी और भी विशेष फल प्रदान करेगी।
शुभ मुहूर्त
चतुर्थी तिथि प्रारंभ होगी 18 सितंबर 2023 अपराह्न 12:41 से 19 सितंबर 2023 अपराह्न 1:45 तक।
अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11:50 से 12:39 तक।
गणेश स्थापना का शुभ समय 19 सितंबर प्रातः11:01 से अपराह्न 1:28 तक।
गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन को लेकर पौराणिक मत है जिसके अनुसार इस चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश ने चंद्रमा को श्राप दिया था। इस कारण ही चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन को निषेध माना गया।
पूजा विधि व भोग
अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च
श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम।।
ब्रह्म मुहूर्त में जागकर व नित्य कर्म निवृत्त होकर स्नानादि करने के उपरांत लाल वस्त्र धारण करें। मंदिर को गंगाजल से पवित्र कीजिए। भगवान गणपति का स्मरण करें। कलश में जल भरें और इसमें सुपारी डालकर कलश को कपड़े से बांध दें।
इसके बाद एक चौकी स्थापित करें और उस पर लाल वस्त्र बिछा दें। (केवल मिट्टी से बने हुए भगवान श्री गणेश को स्थापित करें)
स्थापना करने से पहले भगवान गणेश को पंचामृत से स्नान कराएं। फिर गंगा जल से भगवान गणेश की मूर्ति को स्नान कराकर चौकी पर स्थापित करें। भगवान गणेश के साथ चौकी पर दो सुपारी (रिद्धि और सिद्धि माता के रूप में) स्थापित करें।
स्थापना के बाद अखंड ज्योति जलाएं। भगवान गणेश को रोली, कुमकुम, अक्षत, पुष्प अर्पित करें। फल, फूल, आदि अर्पित करें और फूल से जल अर्पित करें। भगवान गणेश को 108 दूर्वा अवश्य अर्पित करें। गजानन महाराज को चांदी के वर्क लगायें। उसके उपरांत पूजा में लाल रंग के फूल, जनेऊ, पान, सुपारी, लौंग, इलायची, और भोग अर्पित करें। 21 मोदक का भोग लगाएं, लड्डू चड़ाए।
घी के दीपक से आरती करें। भगवान गणेश के मंत्रों का जप करें।
1- ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।।
2- गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:।।
3- ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।।
4- ॐ श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।।
( दायीं ओर घूमी हुई सूंड वाले गणेशजी सिद्धिविनायक कहलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इनके दर्शन से हर कार्य सिद्ध हो जाता है। किसी भी विशेष कार्य के लिए कहीं जाते समय यदि इनके दर्शन करें तो वह कार्य सफल होता है व शुभ फल प्राप्त होता है।)

मेट्रोपोलिस,ओमेक्स,सिडकुल चौक,गणेश उत्सव की शुरुआत इस साल 19 सितंबर 2023, दिन मंगलवार . इस दिन प्रत्येक राशि के जातक अपनी राशि के अनुसार भगवान गणेश की प्रतिमा अपने घर में बैठाएंगे तो आपके हर संकट दूर हो सकते हैं. किस राशि के जातक को कौन सी प्रतिमा लाना चाहिए इस विषय में बता रहे हैं । हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, चीफ एडिटर, अवतार सिंह बिष्ट

मेष राशि

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातकों की राशि मेष है, उन्हें गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की लाल या गुलाबी रंग की प्रतिमा लाना चाहिए. इस दौरान आप भगवान गणेश को लड्डू का भोग लगाएं. जिससे वे प्रसन्न होकर आपके सारे दुख दूर कर देंगे.

Hindustan Global Times, Avtar Singh Bisht, journalist from Uttarakhand

वृषभ राशि

यदि आपकी राशि वृषभ है तो गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की हल्के पीले रंग की प्रतिमा अपने घर लेकर आएं. इस दौरान भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाएं. ऐसा करने से आपके जीवन में सुख समृद्धि की बढ़ोत्तरी होगी.

मिथुन राशि

जिन जातकों की राशि मिथुन है उन्हें गणेश चतुर्थी के दिन हल्के हरे रंग की भगवान गणेश की प्रतिमा लाना चाहिए. साथ ही भगवान गणेश को मोदक का भोग लगाना चाहिए. इस उपाय से आपको बल बुद्धि मिलेगी, नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाएगी.

कर्क राशि

यदि आपकी राशि कर्क है तो गणेश चतुर्थी के दिन आप सफेद रंग की प्रतिमा अपने घर ला सकते हैं. भगवान गणेश को आप मोतीचूर के लड्डू कब भोग लगा सकते हैं. इस उपाय से आपके घर में शांति बनी रहेगी और नौकरी में उन्नति प्राप्त हो सकती है.

सिंह राशि

जिन जातकों की राशि सिंह है उन्हें गणेश चतुर्थी के दिन सिंदूरी रंग की गणेश प्रतिमा लाना चाहिए. गणेश को पीली बूंदी के लड्डू का भोग लगाना चाहिए. इस उपाय से आपका समाज में मान सम्मान बढ़ेगा.

कन्या राशि

जिन जातकों की राशि कन्या है उन्हें गहरे हरे रंग की भगवान गणेश की प्रतिमा लाना चाहिए. साथ ही भगवान गणेश को नारंगी रंग के लड्डू का भोग लगाना चाहिए. इस उपाय से आपको व्यापार में अच्छा खासा फायदा हो सकता है.

तुला राशि

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जिन जातकों की राशि तुला है उन्हें अपने घर भगवान गणेश की चमकीली प्रतिमा लाना चाहिए और अच्छे से उनकी सजावट करना चाहिए. भगवान गणेश को भोग में मोदक और रसमलाई अर्पित करना चाहिए. इस उपाय से आपको संतान सुख प्राप्त हो सकता है.

वृश्चिक राशि

जिन जातकों की राशि वृश्चिक है उन्हें भगवान गणेश की लाल और सफेद धोती पहने, हाथ में लाल कमल का फूल लिए हुए प्रतिमा लाना चाहिए. भगवान गणेश की इस प्रतिमा की लाल गुलहड़ के फूल से सजावट करनी चाहिए. इस उपाय से आपको व्यापार में तरक्की प्राप्त होगी.

धनु राशि

जिन जातकों की राशि धनु है उन्हें भगवान गणेश की पीली और नारंगी रंग की प्रतिमा घर लाना चाहिए. इस प्रतिमा के हाथ में पीले रंग का लड्डू भी होना चाहिए. भगवान गणेश को केसर से बनी खीर का भोग लगाना लाभकारी रहेगा.

मकर राशि

वैदिक ज्योतिष के अनुसार जिन जातकों की राशि मकर है उन्हें अपने घर श्यामल रंग के भगवान गणेश की प्रतिमा लाना चाहिए और अपराजिता के फूल से उनकी सजावट करना चाहिए. इस उपाय से आपकी सारी समस्या दूर हो जाएगी.

कुंभ राशि

जिन जातकों की राशि कुंभ है उन्हें अपने घर भगवान गणेश की खड़ी मुद्रा वाली प्रतिमा लाना चाहिए. जिसने नीले रंग की धोती या नीले रंग का दुपट्टा पहना हो. गणेश को आप बेसन के लड्डू का भोग लगाएं, जिससे आपको बल बुद्धि का आशीर्वाद मिल सके.

Hindustan Global Times, Avtar Singh Bisht, journalist from Uttarakhand

मीन राशि

जिन जातकों की राशि मीन है उन्हें अपने घर सफेद रंग की भगवान गणेश की प्रतिमा लाना चाहिए और स्थापना के बाद से ही उन्हें दूर्वा अर्पित करें और पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं. इस उपाय से भगवान गणेश का आशीर्वाद आपके ऊपर हमेशा बना रहेगा.

मेट्रोपोलिस, ओमेक्स ,सिडकुल चौक, रुद्रपुर, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड, पूरे भारत वर्ष के सनातनियों को गणेश महोत्सव की ढेर सारी शुभकामनाएं। हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स ,चीफ एडिटर अवतार सिंह बिष्ट ,अध्यक्ष ,उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद


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