केंद्र में मोदी सरकार बड़ा खेला करने जा रही है। खबरों के मुताबिक NDA में एक नए दल की एंट्री होने वाली है। खास बात ये हा कि अगर ये नया दल NDA में शामिल हो जाता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को होगा।

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इससे मोदी सरकार और बीजेपी की डीयू और टीडीपी पर निर्भरता कम हो जाएगी। आने वाले समय में अगर ये दोनों सहयोगी नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू दल बदलते हैं तो भी इसका असर मोदी सरकार पर नहीं होगा। जिस नए दल की NDA में जाने की बात चल रही है उसका नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी है। जिसके अध्यक्ष शरद पवार हैं।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

बाजार में ऐसी खबरें उड़ रही हैं कि एनसीपी अजित गुट और एनसीपी शरद गुट एक साथ आ सकता है। दावा तो ये भी किया जा रहा है कि एक बहुत बड़ा उद्योगपति एनसीपी के दोनों गुटों को एक करने की कोशिश कर रहा है। इसके अलावा महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री अजित पवार वो और चाचा शरद पवार वाली पार्टी पहले की तरह एक साथ आ जाए। इससे पहले 2023 में अजित पवार 40 से ज्यादा विधायकों के साथ चाचा शरद पवार का साथ छोड़कर एनडीए में शामिल हो गए थे।

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बीजेपी को कैसे मिलेगा फायदा?

इन खबरों में अगर जरा सा भी दम है और भविष्य में शरद पवार वाली एनसीपी एनडीए में शामिल होती है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा बीजेपी को होगा। केंद्र में बैठी मोदी सरकार के पास अभी 240 लोकसभा सांसद हैं। इसके अलावा एनडीए में शामिल बीजेपी के सहयोगियों के पास 53 सांसद हैं, जिसमें चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी के पास 16 और नीतीश कुमार की जेडीयू के पास 12 सांसद हैं। सीटों के मद्देनजर इन दोनों क्षेत्रीय दलों पर मोदी सरकार की निर्भरता काफी ज्यादा है।

अगर ये दोनों पार्टी अलग हो गई तो एनडीए के पास सिर्फ 265 सीटें ही बचेंगी। जो बहुमत- 272 से 7 कम है। लेकिन अगर शरद पवार वाली पार्टी एनडीए में आ जाती है तो इससे बीजेपी की निर्भरता इन दोनों पार्टियों पर कम हो जाएगी। अभी शरद पवार गुट के पास 8 लोकसभा सांसद हैं।

NDA में सामिल होने के बाद सीटें 301 हो जाएंगी। अगर आने वाले समय में चंद्रबाबू नायडू और नीतीश कुमार में से किसी का भी मन भहकता है तो इसका असर मोदी सरकार पर नहीं पडे़गा। बीजेपी के पास तब भी 273 सांसदों का समर्थन रहेगा। ‘दादी के लिए बच्चा…’, अतुल सुभाष केस में SC ने ये क्या कह दिया? सुनकर कलेजा हो जाएगा छलनी


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