मुर्शिदाबाद हिंसा की NIA जांच हो — पंकज सिंह, मीडिया प्रभारी, हिंदू राष्ट्र महासंघ उत्तराखंड

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रुद्रपुर/कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और मालदा ज़िलों में हाल ही में हुई हिंसा, आगजनी और हिंदू समुदाय पर हमलों को लेकर देश भर में आक्रोश व्याप्त है। इसी कड़ी में हिंदू राष्ट्र महासंघ उत्तराखंड के प्रदेश मीडिया प्रभारी पंकज सिंह ने राज्य सरकार और केंद्र से इस पूरे घटनाक्रम की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच की मांग की है।

शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता

पंकज सिंह ने अपने बयान में कहा कि “मुर्शिदाबाद और मालदा में जिस प्रकार से हिंदुओं को निशाना बनाया गया है, उनके घर जलाए गए, हिंसा फैलाई गई और बड़ी संख्या में लोग राहत शिविरों में रहने को मजबूर हुए हैं, यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस पर मौन साधे हुए हैं, और कहती हैं कि ये हमले पूर्व नियोजित हैं जिनमें बांग्लादेशी तत्वों का हाथ है — फिर भी NIA जांच की अनुशंसा क्यों नहीं की जाती?”

उन्होंने आरोप लगाया कि “पीड़ितों की मदद के लिए जब सामाजिक संस्थाएं राहत सामग्री लेकर पहुंची तो प्रशासन ने उन्हें रोक दिया। अगर सरकार खुद पर्याप्त राहत दे रही होती तो सामाजिक संगठन आगे क्यों आते? यह पीड़ितों के जले पर नमक छिड़कने जैसा है।”

पंकज सिंह ने कहा कि राज्य सरकार पीड़ित हिंदुओं को जबरन उनके जल चुके घरों में लौटने को मजबूर कर रही है, जहाँ उनका जीवन खतरे में है। “जब तक केंद्रीय सुरक्षा के इंतजाम नहीं होते, तब तक उन्हें वहाँ भेजना जीते जी मारने जैसा है। राज्य सरकार को अपने इस अमानवीय निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि देशभर में जब भी किसी समुदाय द्वारा विरोध प्रदर्शन होते हैं, तो हिंदुओं को निशाना बनाया जाता है। “क्या यह संयोग है या किसी बड़ी साजिश का हिस्सा — इसकी निष्पक्ष जांच आवश्यक है।”

पंकज सिंह ने अंत में कहा कि यह समय है जब हिंदू समाज को संगठित होकर इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और केंद्र सरकार को NIA जैसी एजेंसियों के माध्यम से सच्चाई सामने लानी चाहिए ताकि दोषियों को कठोर दंड मिल सके और पीड़ितों को न्याय।



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