09 अगस्त को नाग पंचमी है। शास्त्रों के अनुसार श्रावण शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव की पूजा के साथ-साथ नाग देवताओं की पूजा भी की जाती है।

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मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा करने से न केवल उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि कई तरह के दोषों से भी मुक्ति मिलती है। विशेष रूप से जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उनके लिए नाग पंचमी का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा राहु-केतु की वजह से अगर जीवन में कोई कठिनाई आ रही है, तो भी नाग पंचमी के दिन सांपों की पूजा करने पर राहु-केतु का बुरा प्रभाव कम हो जाता है एवं इनकी पूजा से घर में धन-धान्य की कमी नहीं होती।

शिवलिंग का अभिषेक
श्रावण शुक्ल नाग पंचमी के दिन भगवान शिव की पूजा अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। इस दिन विशेष रूप से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। अभिषेक के लिए गंगा जल, दूध, दही, घी, बूरा, शहद, पुष्प और बेल पत्र का प्रयोग करें। यह उपाय आपके जीवन में सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य में सुधार लाने में मदद करता है। अभिषेक के बाद शिवजी को फूल अर्पित करें और “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

अष्ट नागों की पूजा और व्रत
अगर आपकी कुंडली में कालसर्प दोष प्रभावी है तो आप नाग पंचमी के दिन अष्ट नागों की पूजा करें लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि नाग देवता की पूजा करने से पहले भगवान शिव की उपासना जरूर करें। इसके अलावा इस दिन चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा लेकर उसका पूजन करें या आप नाग-नागिन के जोड़े को कच्चा दूध, बताशा और फूल अर्पित कर सकते है ऐसा करने से कालसर्प दोष का प्रभाव काफी कम होता है। क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी, जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथा

नाग पंचमी की कथा
इस दिन विशेष रूप से नाग पंचमी की कथा सुनना और उसका पाठ करना लाभकारी होता है। नाग पंचमी की कथा सुनने से मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति होती है। आप परिवार के सभी सदस्यों के साथ मिलकर नाग पंचमी की कथा सुन सकते हैं या इसका पाठ कर सकते हैं। यह धार्मिक उपाय न केवल आत्मिक शांति देता है बल्कि जीवन में सकारात्मक परिवर्तन भी लाता है।

दान और परोपकार
नाग पंचमी के दिन दान और परोपकार करना भी अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र, या अन्य सामग्री दान करने से पुण्य प्राप्त होता है। आप इस दिन स्नान के बाद किसी भी मंदिर में जाकर दान कर सकते हैं या जरूरतमंद लोगों को सहायता प्रदान कर सकते हैं। दान करने से न केवल आत्मिक संतोष मिलता है बल्कि परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।

पाठ करें
नागपंचमी के दिन श्रीमदभगवद पुराण और श्री हरिवंश पुराण का पाठ जरूर करना चाहिए ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है। नाग पंचमी के दिन शिवजी को चंदन अर्पित करें और खुद का चंदन का तिलक लगाएं, इसके साथ ही घर में सुबह शाम कपूर जलाएं इससे पितृदोष दूर होते हे। नाग पंचमी का पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख पर्व में से एक है। इस दिन शिव जी के प्रिय नाग देवता की पूजा का विधान है। नाग पंचमी के दिन नाग की पूजा करना उत्तम माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं साल 2024 में नाग पंचमी

नाग पंचमी 2024 (Nag Panchami 2024): हिंदू धर्म में नाग पंचमी के त्योहार का खास महत्व है। नाग पंचमी सावन के महीने में मनाई जाती है। सावन का महीना भगवान शिव और नाग की पूजा के लिए सबसे उत्तम महीना माना गया है। नाग पंचमी के दिन नाग देवता को दूध चढ़ाया जाता है। इसके साथ ही इस दिन नाग देवता की विधिवत पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से नाग दोष से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही जो भी इस दिन नाग देवता की पूजा करता है, उसकी मृत्यु कभी सांप के काटने से नहीं होती है। हर साल नाग पंचमी सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। आइए जानते हैं साल 2024 में नाग पंचमी कब मनाई जाएगी।

नाग पंचमी का पर्व हर साल सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। साल 2024 में नाग पंचमी का त्योहार 9 अगस्त 2024 शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से सारी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

नाग पंचमी पूजा शुभ मुहूर्त

नाग पंचमी साल 2024 में 9 अगस्त की सुबह 5 बजे से लेकर 8 बजे तक रहेगा। इस दिन पूजा के लिए 3 घंटे की अवधि मिलेगी। इस समय में पूजा करना शुभ फलदायी होगा।

नाग पंचमी पूजा विधि

  • इस व्रत के देवता आठ नागों को माना जाता है। इस दिन अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक आठ नागों की पूजा की जाती है।
  • चतुर्थी के दिन एक समय भोजन करें और पंचमी के दिन व्रत करके शाम को एक समय भोजन करें।
  • पूजा के लिए लकड़ी के चौकी पर सांप की मिट्टी की प्रतिमा या मूर्ति रखी जाती है।
  • फिर हल्दी, रोली (लाल सिन्दूर), चावल और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा की जाती है।
  • फिर कच्चा दूध, घी और चीनी मिलाकर लकड़ी के पटरे पर बैठे नाग देवता को अर्पित किया जाता है।
  • पूजा के बाद नाग देवता की आरती की जाती है।
  • सुविधा के लिए आप सपेरे को कुछ दक्षिणा दे सकते हैं और यह दूध सांप को पिला सकते हैं।
  • नाग पंचमी की कथा अवश्य सुननी चाहिए।
हिंदू मान्यता के अनुसार प्राचीन काल से ही सांपों को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है। इसलिए नाग पंचमी के दिन नाग पूजा का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग नाग पंचमी के दिन नाग की पूजा करते हैं, वे सांप के काटने से सुरक्षित रहते हैं। मान्यता है कि इस दिन नाग को दूध से स्नान कराकर उसकी पूजा की जा सकती है और नाग को दूध पिलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर सांप की मूर्ति बनाने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि यह घर को सांप के प्रकोप से बचाता है।

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