फफक-फफककर रो पड़े नारंग, कहा खुशी के हैं आंसूआयकर विभाग की कार्यवाही के बाद गुलशन नारंग जब मीडिया से मुखातिब हुए तो फफक पड़े। उन्होंने कहा कि मैं इतना खुश हूं कि सबका प्यार मिला। सारा शहर मेरे साथ हैै। ऐसी कोई दिक्कत नहीं है। न दुकान से कुछ मिला न घर से मिला। उन्होंने कहा कि दो सौ व तीन सौ करोड़ रुपये मिलने के झूठे आरोप लगाए गए। भ्रम फैलाया गया। सत्य व प्रमाण के साथ लोगों के सामने बात रखना चाहिए। शहर में बदनाम करने की साजिश की गई, जिसकी वह घोर निंदा करते हैं। ऊपर वाला ऐसे लोगों को माफ नहीं करेगा। कहा कि किसकी शरारत है, वो भी सामने आ जाएगी। शहर में मित्र हैं तो दुश्मन भी हजार होते हैं। जो खुश होना चाह रहा था, उसे खुशी मिली नहीं। वो गम के आंसू रोता होगा, जिंदगी भर रोता रहेगा।

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हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /प्रिंटिंग मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स /संपादक अवतार सिंह बिष्ट , रूद्रपुर, उत्तराखंड

नारंग ने कहा कि वह धार्मिक विचारों वाले इंसान हैं। बेटा बदरी केदार समिति में सचिव है। हमेशा समाज सेवा की है। उनका बजरंग बली उनके साथ है। उनके बाबा ने इज्जत मान रखा है। अधिकारी भी बाबा के चरणों में गए और मत्था टेककर आए। बोले, नारंग जी आप समाज का काम करते हैं, आपके साथ ऐसा नहीं होना चाहिए था। मंदिर के नीचे कुछ अलमारियां रखी थीं, जो उन्हें बताई तो बोले कि आप नहीं कहते तो किसी न किसी को हमें बता ही देना था। टीम भी इशारा कर गई कि किसी की शरारत है। संवाद

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रोनिक की मां के हाथ से पी चाय
आयकर विभाग की टीम जब घर पर कार्रवाई करने पहुंची तो रोनिक की मां डर गई थीं। परिवार के अन्य सदस्य भी सहम गए। उनकी मां ने बताया कि डर तो गए थे लेकिन किसी ने कुछ नहीं बोला। टीम ने उनके हाथ की चाय पी। वहीं, गुलशन नारंग ने बताया कि दुकान पर जब पूछताछ की तो सरकारी खाना खिलाया। दुकान से गाड़ी से लेकर घर आए और छोड़कर गए। रात को ढाई बजे फिर घर छोड़ने आए। सुबह आठ बजे फिर लेने आए। रोनिक से भी ऐसा कुछ नहीं कहा। चार दिन तक लगातार पूछताछ की वजह से उसकी तबीयत बिगड़ गई। 

रविवार को टीम के लौटने के बाद फर्नीचर कारोबारी गुलशन नारंग ने बताया कि टीम के अधिकारियों ने सामान्य प्रक्रिया के तहत पेपर देखे। आयकर विभाग की टीम जो सोचकर आई थी वो कुछ नहीं मिला। घर से 3.30 लाख रुपये, पूरे नारंग परिवार के पास से करीब 31 लाख रुपये की ज्वैलरी और दुकान से सिर्फ 580 रुपये मिले। लॉकर के सामान व डॉक्यूमेंट चेक किए गए। टीम ने अधिवक्ता को गवाह बनाते हुए बरामद नकदी व जेवरात की सूची बनाई। हस्ताक्षर कराने के बाद टीम ने नकदी और जेवरात वापस दे दिए। टीम रोनिक का मोबाइल और लैपटॉप की हार्डडिस्ट जांच के लिए लेे गई है, जो सोमवार को वापस मिल जाएंगे। गुलशन नारंग ने आयकर विभाग की छापे के पीछे साजिश व किसी की शरारत होना बताया।


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