
मंदिर होने का दावा किए जाने के बाद से अजमेर दरगाह पर आने वाले जायरीनों की संख्या में भारी कमी आई है.


अजमेर दरगाह बाजार दिनभर ही नहीं देर रात तक भरा रहता था. जायरीन दरगाह भी सड़कों पर रात भर घूमते रहते थे लेकिन विष्णु गुप्ता के दरगाह में हिन्दू मंदिर होने का दावा करने के बाद दरगाह और दरगाह बाजार से जैसे रौनक ही गायब हो गई है.
बाजार में कम हुई रौनक
दरगाह बाजार के दूकानदार हाथ पे हाथ धरे बैठे हैं. होटल भी खाली से नजर आ रहे हैं. दुकानदारों ने कहा कि बाजार में वो पहले वाली रौनक नहीं रही. यहा तक की टैक्सी, ई-रिक्शा चालक भी परेशान हैं. दरगाह आने वाले लोगों की कमी के कारण टैक्सी चालक और ई-रिक्सा चालकों की कमाई नहीं हो रही है. दुकानदारों का कहना है कि दुकान का किराया तो दूर बिजली का बिल भरना भी मुश्किल हो रहा है. स्थित यह हो गई है की होटल मालिक और दुकानदारों ने अपने यहां काम करने वाले मजदूरों की संख्या भी कम कर दी है.
दुकानदारों के चेहरे पर छाई मायूसी
विश्व विख्यात अजमेर दरगाह का उर्स मेला अगले महीने शुरू होने वाला है. मेला में देश ही नहीं विदेशोंसे भी ख्वाजा साहब के चाहने वाले अजमेर दरगाह पहुंचते हैं लेकिन अब जायरीन की कमी को देखते हुए दरगाह बाजारके व्यापारियों के चेहरे पर मायूसी छाईहुई है. उनको डर सता रहा है कि अगर यही माहौल रहा तो उनकी रोटी-रोजी पर संकट आ सकता है. पहले की तुलना में जायरीन की आवक में काफी कमी आ गई है जिसके चलते 30 से 40 प्रतिशत तक का नुक्सान हो रहा है. यही हाल रहा तो दरगाह मेला के अवसर पर कम से कम 60 से 70 प्रतिशत तक का होटल और दुकानदारों को नुकसानहोसकताहै.
