
67 गेंद में 10 चौके और चार छक्के की मदद से 100 रन की नाबाद पारी खेली, लेकिन अपनी टीम को बुधवार रात न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में जीत नहीं दिला पाए. फाइनल में नहीं पहुंचा पाए.


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
इस हार का गम डेविड मिलर के चेहरे पर साफ देखा जा सकता था. लाहौर में खेले गए दूसरे सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने टूर्नामेंट के इतिहास में 362 रन का सबसे बड़ा स्कोर खड़ा किया था. सारे दिग्गज एक-एक करके आउट होते चले गए, लेकिन मिलर डटे रहे. चौके के साथ 46 गेंद में अर्धशतक पूरा किया. 50वें ओवर में जैमीसन पर दो चौके और एक छक्के के बाद आखिरी गेंद पर दो रन के साथ 67 गेंद में शतक पूरा किया.
इधर डेविड मिलर की सेंचुरी पूरी हुई तो उधर साउथ अफ्रीका चैंपियंस ट्रॉफी से बाहर हो गया. मिलर जानते थे कि इस सेलिब्रेशन का कोई मतलब नहीं. बेमन से बैट को बेबी स्टाइल में झुलाया. शायद इस शतक को अपने बच्चे को समर्पित करना चाह रहे हो! जब हेलमेट उतारा तो आंखों में आंसू थे. चेहरे पर निराशा थी और मन भारी था.
साउथ अफ्रीका कोई पहली बार इस तरह आईसीसी के टूर्नामेंट से बाहर नहीं हुआ. 2024 का टी-20 वर्ल्ड कप फाइनल कौन भूल सकता है, जब सूर्यकुमार यादव के उस कारामाती कैच ने साउथ अफ्रीका का उसका पहला आईसीसी खिताब जीतने से रोक दिया था.
न्यूजीलैंड ने इससे पहले रविंद्र (108 रन, 101 गेंद, 13 चौके, एक छक्का) और विलियमसन (102 रन, 94 गेंद, 10 चौके, दो छक्के) के शतक और दोनों के बीच दूसरे विकेट के लिए 164 रन की साझेदारी से छह विकेट पर 362 रन बनाए जो टूर्नामेंट के इतिहास का सर्वोच्च स्कोर है. ग्लेन फिलिप्स ने नाबाद 49 रन कूटे. 363 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए सेंटनर (43 रन पर तीन विकेट) और ग्लेन फिलिप्स (27 रन पर दो विकेट) की बलखाती गेंदों के सामने दक्षिण अफ्रीका लक्ष्य से 50 रन दूर रह गया और नौ विकेट पर 312 रन ही बना सका.

