पीएम मोदी भी आगामी चुनाव को लेकर अब मिशन मोड में जनता के बीच उतरने की तैयारी में हैं।
अगले 10 दिनों में 29 कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा
पीएम मोदी अगले 10 दिनों में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा करेंगे। इस दौरान वह देश के अलग-अलग हिस्सों में कुल 29 कार्यक्रमों में भी हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, जम्मू और कश्मीर, असम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, राजस्थान और दिल्ली सहित कई अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा करेंगे।
आदिलाबाद से करेंगे यात्रा की शुरुआत
पीएम मोदी अपनी यात्रा की शुरुआत चार मार्च को तेलंगाना के आदिलाबाद से करेंगे। इस दौरान वह 56 हजार करोड रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री इस दौरान आदिलाबाद में एक सार्वजनिक रैली को भी संबोधित करेंगे।
चेन्नई में करेंगे सार्वजनिक रैली को संबोधित
पीएम मोदी चार मार्च को ही तमिलनाडु की भी यात्रा करेंगे, जहां वह कलपक्कम में परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत एक सरकारी कंपनी-भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड (भाविनी) का दौरा करेंगे। चेन्नई की अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी एक सार्वजनिक रैली को भी संबोधित करेंगे। इसके बाद वह हैदराबाद जाएंगे।
पांच मार्च को इन राज्यों में जाएंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी पांच मार्च को तेलंगाना के संगारेड्डी का दौरा करेंगे। इस दरौन वह कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। प्रधानमंत्री संगारेड्डी में एक सार्वजनिक बैठक को भी संबोधित करेंगे। तेलंगाना के बाद प्रधानमंत्री ओडिशा जाएंगे, जहां वह चंडीखोल, जाजपुर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे। इसके बाद वह चांदीखोल में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करेंगे। ओडिशा के बाद वह सीधे पश्चिम बंगाल जाएंगे।
6 मार्च को पश्चिम बंगाल और बिहार जाएंगे प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी छह मार्च को पश्चिम बंगाल के कोलकाता रहेंगे। इस दौरान वह कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। पीएम मोदी उत्तर 24 परगना जिले के बारासात में एक जनसभा को संबोधित करेंगे। इस सभी कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद पीएम मोदी बिहार के बेतिया में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करने के लिए बिहार जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर जाएंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी सात मार्च को श्रीनगर में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने के लिए जम्मू-कश्मीर की यात्रा करेंगे। 8 मार्च को प्रधानमंत्री असम की यात्रा से पहले पीएम मोदी दिल्ली में राष्ट्रीय रचनाकार पुरस्कार के वितरण समारोह में भाग लेंगे।
9 मार्च को इन राज्यों का दौरा करेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश की यात्रा करेंगे। इस दौरान वह पश्चिम कामेंग में सेला सुरंग का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद पीएम मोदी ईटानगर में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। अरुणाचल प्रदेश से प्रधानमंत्री असम जाएंगे, जहां वह असम के जोरहाट में लाचित बरफुकन की प्रतिमा का अनावरण करेंगे। पीएम मोदी जोरहाट में कई विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे।
10 मार्च को जाएंगे UP
असम के बाद प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल की यात्रा करेंगे, जहां वह सिलीगुड़ी में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। पीएम मोदी यहां एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे। पीए मोदी 10 मार्च को उत्तर प्रदेश की यात्रा करेंगे। उत्तर प्रदेश की अपनी यात्रा के दौरान पीएम मोदी आजमगढ़ में विभिन्न परियोजनाओं को देशवासियों को समर्पित करेंगे।
11 और 12 मार्च को कहां रहेंगे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी 11 मार्च को दिल्ली के पूसा में नमो ड्रोन दीदी और लखपति दीदी से संबंधित कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री 11 मार्च को ही द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा खंड का उद्घाटन करेंगे। इसी दिन शाम को पीएम मोदी डीआरडीओ के एक कार्यक्रम में भी शामिल होंगे। 12 मार्च को प्रधानमंत्री गुजरात के साबरमती की यात्रा करेंगे। हालांकि, बाद में वह जैसलमेर जिले के पोखरण का दौरा करने के लिए राजस्थान जाएंगे। पीएम मोदी अपने दौरे का अंत 13 मार्च को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात और असम में तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखने के साथ करेंगे।
13 मार्च को इन परियोजनाओं का रखेंगे आधारशिला
13 मार्च को प्रधानमंत्री द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात और असम में तीन सेमीकंडक्टर परियोजनाओं की आधारशिला रखने के साथ गहन कार्यक्रम का समापन हुआ, जिसके बाद समाज के वंचित वर्गों के लिए एक आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किया गया।
सोच-समझकर बोलें, डीपफेक से बचें. चुनाव से पहले पीएम मोदी का मंत्रियों को संदेश
पीएम ने डीपफेक से बचने यानि आवाज बदलकर आदि से जो कोशिश की जाती है. उससे सतर्क रहने की बात कही. पीएम ने कहा कि मैने राज्यसभा के सांसदों को चुनाव लड़ने को कहा था. उन्होंने कहा कि विकसित भारत की झलक इस बजट में दिखनी चाहिए, जो इस बार जून में पेश होगा. पीएम ने लगभग एक घंटे तक बात की.
पीएम ने कहा कि बोलना है तो योजनाओं पर बोले, विवादित बयानों से बचें. पीएम ने मंत्रियों को ये भी कहा कि चुनाव है, किससे मिल रहे हैं. देखकर मिले यानि मिलने-जुलने में सोच समझकर मिले. इसको लेकर शरद पवार और प्रमोद महाजन का एक उदाहरण भी दिया.
AI के बेहतर इस्तेमाल पर पीएम का जोर
पीएम ने सचिवों से कहा कि वे AI का बेहतर इस्तेमाल करें. 2047 तक विकासशील भारत की योजना बनाना उच्च प्राथमिकता है. पीएम मे कहा कि ये उच्च प्राथमिकता वाली बैठक है. उन्होंने बजट में एक लाख करोड़ रुपये से लेकर भविष्य की प्रौद्योगिकियों और थार का उपयोग करने के तरीकों के बारे में बात की, ताकि भारत नवाचार में अग्रणी हो.
उन्होंने उम्र से संबंधित जनसांख्यिकी परिवर्तनों के बारे में बात की. बढ़ती उम्र की आबादी और इसकी चुनौती पर पीएम ने विकासशील भारत सेमिनार को विभागीय एजेंडे में शामिल करने के लिए कहा है. बिजनेस बॉडीज सीआईआई, फिक्की से भी इस पर बातचीत शुरू करने का आग्रह किया जाएगा.
विभागों की कार्ययोजना और विचार तैयार करने का दिया निर्देश
पीएम ने विभागों की कार्ययोजना और विचार तैयार करने को कहा. उन्होंने मंत्रियों और अधिकारियों से संबंधित मंत्रालयों में रिकॉर्ड देखने को कहा कि देखें कि अतीत में निर्णय कैसे हुए. पिछले 25 वर्षों में विचार कैसे बदल गए.
उन्होंने अधिकतम सरकार और न्यूनतम शासन के बारे में बात की. विशेष रूप से पी2जी2 पर ध्यान केंद्रित किया. पीएम ने सचिवों से कहा कि आज जो इस बैठक में प्रजेंटेंशन और सुझाव आया है. उस पर जल्द काम शुरू होना चाहिए. अमित शाह ने अदालतों में जो मामले लंबित है, उसको लेकर सचिवों से कहा कि कोई उपाय करने चाहिए, ताकि कोर्ट में लंबित मामले कम हों.
इस अवसर पर पांच प्रजेंट्ंशन सचिवों ने दिया. मंत्री अश्विनी वैष्णव, हरदीप पुरी, किरेन रिजीजू, अर्जुन मेघवाल और पीयूष गोयल ने प्रजेंटेशन पर अपने-अपने सुझाव दिये.
विकसित भारत 2047 के विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा
इसके साथ हीमंत्रिपरिषद ने विकसित भारत 2047 के विजन डॉक्यूमेंट और अगले 5 वर्षों की विस्तृत कार्ययोजना पर विचार-विमर्श किया. इसके साथ ही मई, 2024 में नई सरकार के गठन के बाद त्वरित कार्यान्वयन के लिए तत्काल कदमों के लिए 100-दिवसीय एजेंडे पर भी काम किया गया.
विकसित भारत का रोडमैप 2 साल से अधिक की गहन तैयारी का परिणाम है. इसमें सभी मंत्रालयों और राज्य सरकारों, शिक्षाविदों, उद्योग निकायों, नागरिक समाज, वैज्ञानिक संगठनों के साथ व्यापक परामर्श और युवाओं को उनके विचार, सुझाव और इनपुट प्राप्त करने के लिए संगठित करने के लिए एक संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण शामिल था.
विकसित भारत का रोडमैप का बना खाका
बता दें कि विभिन्न स्तरों पर 2700 से अधिक बैठकें, कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित किए गए. 20 लाख से अधिक युवाओं के सुझाव प्राप्त हुए.
विकसित भारत के रोडमैप में स्पष्ट रूप से व्यक्त राष्ट्रीय दृष्टि, आकांक्षाएं, लक्ष्य और कार्य बिंदुओं के साथ एक व्यापक खाका है. इसके लक्ष्यों में आर्थिक विकास, एसडीजी, जीवन-यापन में आसानी, व्यापार करने में आसानी, बुनियादी ढांचा, सामाजिक कल्याण आदि जैसे क्षेत्र शामिल हैं.