बेपटरी हो चुकी उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चार धाम यात्रा में व्यवस्था बनाने के लिए अब केंद्र ने भी मोर्चा संभाल लिया है।

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केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने उत्तराखंड की मुख्य सचिव के साथ वर्चुअल बैठक की और यात्रा व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने कई बिंदुओं पर निर्देश दिए हैं। वीरवार को हुई वर्चुअल बैठक में केन्द्रीय गृह सचिव ने प्रदेश की मुख्य सचिव को धामों, यात्रा मार्गों और ठहराव स्थलों में यात्रियों की रिपोर्ट प्रतिदिन गृह मंत्रालय को भेजने के निर्देश दिए।

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /प्रिंटिंग मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स /संपादक अवतार सिंह बिष्ट , रूद्रपुर, उत्तराखंड

उन्होंने जरूरत पड़ने पर यात्रा मार्ग पर क्राउड मैनेजमेंट के लिए एन.डी.आर.एफ. व आई.टी.बी.पी. की मदद लेने को भी कहा। इसके साथ ही केन्द्रीय गृह सचिव ने भविष्य में चार धाम यात्रा प्रबन्धन की रणनीति के लिए एक कमेटी के गठन के निर्देश दिए हैं।

उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गुरुवार को एक वर्चुअल बैठक के दौरान केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को चार धाम यात्रा के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में यात्रियों की संख्या में यमुनोत्री में 127%, केदारनाथ में 156% की वृद्धि देखी गई.

मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को बताया कि इस वर्ष यात्रा सीजन के पहले दस दिनों में 138,537 श्रद्धालुओं ने यमुनोत्री के दर्शन किए, जो पिछले दो वर्षों की तुलना में 127% अधिक है. इसी तरह 128,777 श्रद्धालुओं ने गंगोत्री धाम के दर्शन किये जो पिछले दो वर्षों की तुलना में 89% अधिक हैं. केदारनाथ धाम में 319,193 श्रद्धालु आए, जो पिछले दो वर्षों की तुलना में 156% अधिक हैं और बद्रीनाथ धाम में 139,656 श्रद्धालु आए और यह भी दो वर्षों की तुलना में 27% अधिक हैं.

इन राज्यों से आ रहे हैं सबसे अधिक भक्त

उन्होंने आगे कहा कि 22 मई तक, कुल 3,118,926 पंजीकरणों में से, 486,285 भक्तों ने यमुनोत्री के लिए, 554,656 ने गंगोत्री के लिए, 1,037,700 ने केदारनाथ के लिए, 955,858 ने बद्रीनाथ के लिए और 84,427 ने हेमकुंड साहिब के लिए पंजीकरण कराया. सबसे अधिक भक्तों की संख्या वाले दस राज्य उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, बिहार, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ हैं.

यात्रा की निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे

बैठक के दौरान सीएस रतूड़ी ने यह भी बताया कि पुलिस ने 56 पर्यटन सहायता केंद्र बनाए गए हैं. यात्रा की निगरानी के लिए 850 सीसीटीवी कैमरे और 8 ड्रोन लगाए गए हैं. उन्होंने केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर 1,495 वाहनों की क्षमता वाले बीस पार्किंग स्थल बनाए गए हैं. उन्होंने पार्किंग प्रबंधन के लिए एक क्यूआर कोड-आधारित प्रणाली शुरू की और यमुनोत्री और गंगोत्री यात्रा मार्गों पर नियंत्रित वाहन आवाजाही के लिए 3-4 होल्डिंग पॉइंट बनाए गए हैं. उन्होंने बताया कि केदारनाथ मार्ग पर बेहतर यातायात प्रबंधन के लिए सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं और ट्रैक रूट को साफ करने के लिए कुल 657 पर्यावरण मित्र तैनात किए हैं.

मुख्य सचिव के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्ग पर 12 मुख्य स्थानों पर 50 स्क्रीनिंग कियोस्क स्थापित किए हैं. इसके अलावा यात्रा मार्ग पर कुल 156 एम्बुलेंस तैनात की गई हैं. इसके अतिरिक्त, 8 ब्लड बैंक भी बनाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने 49 स्थायी स्वास्थ्य सुविधाएं और 26 चिकित्सा राहत पोस्ट बनाई हुईं. यात्रा मार्ग पर 22 विशेषज्ञ, 179 चिकित्सा अधिकारी और 299 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किए हैं.

गृह मंत्रालय ने मांगी दैनिक रिपोर्ट

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने इस बात पर जोर दिया कि प्रशासन वर्तमान में यात्रा मार्ग पर यातायात प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, सीसीटीवी और ड्रोन के माध्यम से कड़ी निगरानी की जा रही है. उन्होंने बुजुर्गों, विकलांगों, बीमारों और बच्चों की सहायता पर विशेष ध्यान देने के साथ पंजीकरण और टोकन प्रणाली का पालन करने के महत्व को दोहराया.

केंद्रीय गृह सचिव ने मुख्य सचिव को धामों, यात्रा मार्गों और आयोजन स्थलों पर तीर्थयात्रियों की दैनिक रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजने का निर्देश दिया. उन्होंने जरूरत पड़ने पर भीड़ प्रबंधन के लिए एनडीआरएफ और आईटीबीपी का उपयोग करने का निर्देश दिया. उन्होंने भावी चारधाम यात्रा प्रबंधन की रणनीति बनाने के लिए एक समिति बनाने पर जोर दिया और यात्रा प्रबंधन की जमीनी स्तर पर सख्त निगरानी पर जोर दिया. केंद्रीय गृह सचिव ने उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के सफल संचालन के लिए केंद्र की ओर से हर संभव मदद और सहयोग का आश्वासन दिया था.


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