9 अगस्त को गर्जेगी राज्य आंदोलनकारियों की आवाज ,परेड ग्राउंड देहरादून से मुख्यमंत्री आवास कुच,

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उत्तराखंड राज्य आंदोलन की एक अवधारणा थी ।हमारे मूल अधिकार सुरक्षित होंगे ।पहाड़ी राज्य अस्तित्व में आएगा। जल, जंगल, जमीन, स्वास्थ, शिक्षा, नौकरी, संस्कृति, पौराणिक अध्यात्मिक केंद्रों पर हमारा एकाधिकार होगा। स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के अनुसार सरकारी नौकरी मिलेगी। हम गर्व से कह पाएंग उत्तराखंड हमारा है।
इसके ठीक विपरीत सत्ताधार नेताओं , नौकर साहो, एवं माफियाओं के गठजोड़ जोड़ने ने उत्तराखंड राज्य के अरमानों पर पानी फेर दिया। जिन्होंने राज्य बनाया , उत्तराखंड राज्य के लिए अपनी शाहदत दी। अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। प्रत्येक वर्ष 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस मनाया जाएगा। राज्य आंदोलनकारी सम्मानित होंगे। सरकार अपने जनप्रतिनिधियों के द्वारा अपना गुणगान करेगी। सम्मानित होने वाले राज्य आंदोलनकारी अपने को प्रफुल्लित महसूस करेंगे। फिर वही सिलसिला शुरु होगा शहीद स्मारको पर राज्य आंदोलनकारी धरना प्रदर्शन अनशन कर रहे होंगे। सत्ताधार नेताओं के द्वारा हवा हवाई घोषणाएं होंगी। उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से राज्य आंदोलनकारीयो को एवं उनके आश्रित को काफी उम्मीदें हैं। 9 अगस्त को फिर से देहरादून परेड ग्राउंड मैं मुख्यमंत्री आवास कूच कार्यक्रम होगा यह सिलसिला जब तक राज्य आंदोलनकारी जीवित है चलता रहेगा। दिवंगत होने के बाद उत्तराखंड की जनता राज्य आंदोलनकारियों के संघर्षों को याद करेगी एवं जगह-जगह दिवंगत राज्य आंदोलनकारियों को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जा रही होगी। लेकिन हम नहीं होंगे।

भू अध्यादेश 1950, लोकायुक्त का गठन , 10% क्षैतिज आरक्षण ,उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों का 9 नवंबर को परेड ग्राउंड देहरादून से मुख्यमंत्री आवास कुच

 उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों के आश्रितों को पेंशन को लेकर एक शासनादेश जारी किया गया था। जिसके मुताबिक राज्य आंदोलनकारी के तौर पर चिह्नित पति-पत्नी में से किसी एक की मृत्यु पर दूसरा पेंशन पाने का हकदार होगा।

शासनादेश के मुताबिक राज्य आन्दोलन के दौरान 07 दिन जेल गये अथवा राज्य आन्दोलन के दौरान घायल हुए आन्दोलनकारियों से भिन्न समस्त ऐसे चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी, जो शासनादेश संख्या – 533 / बीस- 4 / 2016-3(1)/2009, दिनांक 01.06.2016 के क्रम में रुपये 3100 /- प्रतिमाह पेंशन ( जो वर्तमान में शासनादेश संख्या – 284/ XX ( 8 ) / 21- 08 ( रा०आ० ) / 2021 दिनांक 17.12.2021 के अनुसार रूपये 4500 /- प्रतिमाह है) प्राप्त कर रहे थे, के आश्रितों (पति /पत्नी) को शासन कार्यालय ज्ञाप संख्या – 219 / Xxx (8)/21-06 (रा0आ0) / 2021, दिनांक 30.09.2021 के माध्यम से राज्य आन्दोलनकारी की मृत्यु पर प्रतिमाह पेंशन प्रदान किये जाने का निर्णय लिया गया था,

किन्तु उक्त निर्णय के क्रम में राज्य आन्दोलनकारी की मृत्यु पर उनके आश्रित ( पति / पत्नी) पेंशन के हकदार तभी हो सकते थे जब उनके राज्य आन्दोलनकारी पति / पत्नी शासनादेश संख्या-533 / वीस-4 /2016-3(1)/ 2009, दिनांक 01.06.2016 के क्रम में पेंशन प्राप्त कर रहे हों। ऐसे में कई प्रकरण शासन के संज्ञान में आये, जिनमें व्यक्ति राज्य आन्दोलनकारी के रूप में तो चिन्हित थे, किन्तु उनके आश्रित (पति/पत्नी) इस कारण आश्रित पेंशन प्राप्त न कर सके क्योंकि उनके पति अथवा पत्नी की मृत्यु पेंशन स्वीकृत होने से पूर्व ही हो चुकी थी।
अतः उक्त के दृष्टिगत शासन कार्यालय ज्ञाप संख्या – 46 / XX ( 8 ) / 23-06(रा०आ० ) / 2021. दिनांक 28.04.2021 के माध्यम से राज्य आन्दोलन के दौरान 07 दिन जेल गये अथवा राज्य आन्दोलन के दौरान घायल हुए आन्दोलनकारियों से भिन्न चिन्हित हुए समस्त राज्य आन्दोलनकारियों, जिनकी मृत्यु शासनादेश संख्या-533/ बीस-4 / 2016 – 3 (1)/2009, दिनांक 01.06.2016 के क्रम में पेंशन स्वीकृत होने से पूर्व हो चुकी हो, के आश्रित (पति/पत्नी) को भी शासन के कार्यालय ज्ञाप संख्या-219/XX(8)/21-06 ( रा०आ०) / 2021, दिनांक 30.09.2021 के क्रम में रूपये 3100 /- प्रतिमाह आश्रित पेंशन, जो वर्तमान में शासनादेश संख्या- 284/ XXX (8) / 21-08 ( रा०आ०) / 2021 दिनांक 17.12.2021 के अनुसार रूपये 4500 /- प्रतिमाह है, अनुमन्य किये जाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन राज्य आंदोलनकारी एक समान पेंशन 15000, भू अध्यादेश 1950, 10% क्षैतिज आरक्षण, लोकायुक्त का गठन, मूल निवास,की मांग को लेकर समय-समय पर संघर्ष करते रहते हैं। परिणाम स्वरूप 9 अगस्त 2023 को मुख्यमंत्री आवास कुच का कार्यक्रम उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच संयुक्त उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच के बैनर तले किया जा रहा है। परेड ग्राउंड देहरादून में विभिन्न राज्य आंदोलनकारी संगठन प्रतिभाग कर रहे हैं। आपको अवगत करा दें भले ही राज्य आंदोलनकारियों के कई संगठन जिला स्तर पर बने हुए हैं। लेकिन सभी संगठनों की विचारधारा लगभग एक समान है। जब जब राज्य आंदोलनकारीयो के किसी भी संगठन के द्वारा आवाज उठाई जाती है। समस्त संगठन एकजुट हो जाते हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा 10% क्षैतिज आरक्षण के संबंध में घोषणा भी की जा चुकी है । आश्वासन दिया गया है। दूसरी ओर सरकार विभिन्न माध्यमों से नौकरियों का पिटारा खोल चुकी है। किसका राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों को किसी भी तरह का लाभ नहीं मिलता दिख रहा है। 9 नवंबर 2023 को परेड ग्राउंड में राज्य आंदोलनकारियों का जमावड़ा , मुख्यमंत्री आवास कूच का कार्यक्रम तय।


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