
डिप्टी कमिश्नर-एसआईबी दून अजय बिरथरे ने इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि रानीपोखरी स्थित इलेक्ट्रिकल ट्रांसमिशन लाइन बिछाने वाली फर्म के ई-वे बिलों की जांच में पता चला कि कई ऐसे वाहनों के ई-वे बिल बनाए गए, जो कभी किसी टोल प्लाजा से नहीं गुजरे।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
इससे साफ है कि वास्तविक रूप से माल की कोई खरीद नहीं हुई। सिर्फ आईटीसी का लाभ लेने के लिए फर्जी खरीद दिखाई गई। अजय बिरथरे के अनुसार, प्राथमिक जांच में करीब तीन करोड़ रुपये की आईटीसी फर्जी पाई गई है।
विस्तृत जांच में यह आंकड़ा बढ़ने की संभावना है। उन्होंने बताया, संचालक ने गलती मानते हुए 1.20 करोड़ रुपये नकद जमा करा दिए हैं।
